चलती ट्रेन में नाबालिग से दुष्कर्म,बच्चा हुआ तो चला पता, डेढ़ साल बाद f.i.r दर्ज

चलती ट्रेन में नाबालिग से दुष्कर्म,बच्चा हुआ तो चला पता, डेढ़ साल बाद f.i.r दर्ज  
हरियाणा के फरीदाबाद की रहने वाली 13 साल की बच्ची से चलती ट्रेन में रेप किया गया। यह वारदात गोमती एक्सप्रेस में हुई। इसका पता तब चला, जब नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया। पूरे मामले का खुलासा होने के बावजूद लखनऊ जीआरपी ने कार्रवाई के बजाय फरीदाबाद पुलिस को केस वापस भेज दिया।

अब करीब डेढ़ साल बाद 4 दिन पहले 29 दिसंबर को फरीदाबाद की पुलिस कोतवाली में केस दर्ज कर लिया गया है। नाबालिग के बच्चे को फिलहाल पंचकूला के बाल संरक्षण गृह में भेजा गया है।

गोमती एक्सप्रेस की अपर बर्थ में हुआ रेप नाबालिग की मां ने बताया कि यह पूरी घटना साल 2022 की है। बच्ची मां के साथ अमेठी से फरीदाबाद आ रही थी। वह गोमती एक्सप्रेस में सवार हुए। इसमें काफी भीड़ थी। ट्रेन के कोच में मां ने बच्ची को सबसे ऊपर वाली सीट पर बिठा दिया। वहां पहले से एक लड़का लेटा हुआ था। जब काफी रात हो गई तो लखनऊ स्टेशन से ट्रेन आगे निकलने के बाद सीट पर लेटे लड़के ने उसकी बेटी का रेप किया। रेप की घटना से बच्ची काफी डर गई। इसके चलते न तो वह उस वक्त चिल्लाई और न ही किसी को इसके बारे में बताया।

पेट में दर्द हुआ तो ईनो पी लिया कुछ महीने बीतने के बाद नाबालिग के पेट में दर्द होने लगा। चूंकि बच्ची ने अपने साथ हुई वारदात के बारे में घरवालों को नहीं बताया था, इसलिए सबको लगा कि सामान्य दर्द है। बच्ची को भी कुछ पता नहीं था तो वह ईनो पी लेती थी। जिससे उसे कुछ देर के लिए दर्द से राहत मिल जाती। हालांकि उसके पेट में भारीपन बना रहता।

अस्पताल के बाथरूम में बच्चे को जन्म दिया 10 जून 2023 को बच्ची के माता-पिता गांव गए थे। उसका बड़ा भाई, बहन और चाचा घर पर थे। बच्ची को पेट में तेज दर्द होने लगा। वह तुरंत उसे ESI अस्पताल लेकर गए। वहां बाथरूम में अचानक बच्ची ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे दिया। बच्चा पैदा होने पर सबके होश उड़ गए। तब बच्ची ने उन्हें अपने साथ ही घटना के बारे में बताया। परिवार ने तुरंत पुलिस बुलाई। 
फरीदाबाद पुलिस ने जीरो FIR भेजी, लखनऊ GRP ने लौटाई

फरीदाबाद की थाना कोतवाली पुलिस ने 11 जून 2022 को नाबालिग बच्ची के बयान दर्ज किए। उसके आधार पर POCSO एक्ट की धारा 6 के तहत जीरो FIR दर्ज कर ली। 12 जून को बाल कल्याण समिति, NIT फरीदाबाद के आगे बच्ची के बयान दर्ज कराए गए।

यह केस उत्तर प्रदेश के लखनऊ जीआरपी के क्षेत्र का निकला। जिसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने जीरो एफआईआर को कार्रवाई के लिए फरीदाबाद भेज दिया। मगर, जीआरपी के पुलिस अधीक्षक के लखनऊ ऑफिस ने जीरो एफआईआर पर एतराज जताते हुए उसे वापस फरीदाबाद कोतवाली लौटा दिया।
लखनऊ GRP के केस लौटाने के बाद कोर्ट में बयान कराए
इसके बाद 28 जुलाई 2023 को पीड़िता को लीगल ऐड और बाल कल्याण समिति एनआईटी फरीदाबाद के सामने दोबारा से पेश किया गया। यहां पूरे हालात की जानकारी मिलने के बाद बच्ची को JMIC फरीदाबाद के आगे पेश कर 164 CRPC के तहत बयान दर्ज कराए गए।

इस दौरान धारा 161 के तहत मां-बाप के बयान भी लिए गए। जिसके बाद फिर से पीड़िता और उसके माता पिता के बयान के आधार पर घटनास्थल थाना GRP लखनऊ उत्तर प्रदेश होना ही पाया गया। कोर्ट में बयान के बाद GRP ने बुलाया जिसके बाद फिर से जीरो एफआईआर को कार्रवाई के लिए GRP थाना लखनऊ को भेजा गया। जिसके बाद GRP थाना लखनऊ चारबाग ने 22 दिसंबर 2023 को पीड़िता और उसके माता-पिता को बयान देने के लिए बुलाया।

वहां पीड़ितों ने केस की कार्रवाई फरीदाबाद पुलिस थाना कोतवाली में करवाने के बयान दिए। जिसके बाद 26 दिसंबर 2023 को GRP लखनऊ चारबाग द्वारा भेजा गया पत्र थाना कोतवाली को प्राप्त हुआ। इसके बाद थाना कोतवाली ने लगभग डेढ़ साल बाद बीतने के बाद 29 दिसंबर 2023 को POCSO एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पिता ने कहा- फरीदाबाद और लखनऊ के चक्कर काटता रहा
इस मामले में पीड़िता के पिता ने कहा कि इस घटना से वह काफी टूट चुके हैं। उन्हें बेटी के साथ डेढ़ साल तक कभी फरीदाबाद तो कभी लखनऊ के चक्कर काटने पड़े। इससे उन्हें आर्थिक परेशानी के साथ-साथ मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा है।

उनका काम धंधा भी चौपट हो गया। अब घर तक चलाना मुश्किल हो गया है। उन्हें रोज फरीदाबाद पुलिस के बड़े अधिकारियों के पास बुलाया जाता है और कई-कई घंटें बैठा कर रखा जाता है।

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