25 मार्च, होली, रंगों का उत्सव है। होली (Holi) हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन होली का त्यौहार है, जिसमें लोग सब कुछ भूलकर एक-दूसरे को अबीर-गुलाल और रंग लगाते हैं। रंगों और खुशियों के इस पर्व को देश भर में और विदेश में भी देखा जा सकता है। देश भर में होली के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। होली को 'फगुआ', 'धुलेंडी', 'धूलिवंदन' और 'दोल' भी कहते हैं। होली के दिन अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन मथुरा-वृंदावन से लेकर काशी और उज्जैन में होली के अनोखे रंग देखने को मिलता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि वे प्रदेशवासियों, देशवासियों और सभी भाई-बहनों को होली के पावन पर्व पर बधाई देते हैं। आदिवासी क्षेत्रों का विकास सरकार की पहली प्राथमिकता है। क्षेत्र में लगभग एक लाख करोड़ रुपये का विकास कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि वह मालवा क्षेत्र से हैं, इसलिए भगोरिया त्योहार का महत्व अच्छे से जानते हैं, और राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों को लेकर। यह वर्ष का सबसे उम्मीदवार समय है। होली के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा का खास महत्व है। कहते हैं कि इस दिन राधा जी और कान्हा की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और खुशहाली बनी रहती है। इसके अलावा होली के दिन विष्णु जी और माता लक्ष्मी की पूजा करने घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। होली के दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की भी उपासना भी की जाती है।
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