सागर। नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी अजय रैकवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम, 2012) बीना, जिला सागर (म.प्र.) आलोक कुमार मिश्रा की अदालत ने विभिन्न धाराओं के तहत सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई।
अजय रैकवार को भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धारा 363 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये का अर्थदंड, धारा 366 के तहत 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपये का अर्थदंड तथा पॉक्सो एक्ट, 2012 की धारा 3क/4 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये का अर्थदंड दिया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्यामसुंदर गुप्ता ने की।
घटना का संक्षिप्त विवरण
पीड़िता की मां ने 31 मार्च 2021 को थाना बीना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 30 मार्च 2021 की रात पीड़िता अपनी जेठानी के घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। तलाशी के बाद भी पीड़िता का कोई पता नहीं चला और किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसे बहला-फुसलाकर भगाए जाने की शंका जताई गई।
पीड़िता के मिलने पर उसने बताया कि आरोपी अजय रैकवार ने उसे मोटर साइकिल से ले जाकर शारीरिक संबंध बनाए। इस रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की गई। विवेचना के दौरान साक्ष्य जुटाए गए और अभियोजन पक्ष ने अभियोजन साक्षियों एवं दस्तावेजों को प्रमाणित किया।
विशेष न्यायाधीश आलोक कुमार मिश्रा ने सभी साक्ष्यों और गवाहियों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा सुनाई।
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