वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की पहली वर्षगांठ: नौरादेही से टाइगर रिजर्व बनने तक का सफर
सागर। मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और नवीनतम टाइगर रिजर्व, वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व ने आज अपनी पहली वर्षगांठ मनाई। 20 सितंबर 2022 को अधिसूचित हुए इस रिजर्व का सफर वन्यजीव अभ्यारण्य से टाइगर रिजर्व बनने तक बहुत ही रोमांचक रहा है। नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य, जो 1975 में स्थापित हुआ था, अपने विशाल क्षेत्रफल और जैव विविधता के लिए जाना जाता था। यह अब 2,339 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है।
नौरादेही से टाइगर रिजर्व तक का सफर:
नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य पहले भारतीय भेड़ियों के प्राकृतिक आवास के रूप में प्रसिद्ध था। हालाँकि, 2018 में यहाँ बाघिन राधा और बाघ किशन को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना के तहत बसाया गया। इन बाघों ने महज 4 वर्षों में बाघों की संख्या को बढ़ाकर 19 तक पहुंचा दिया। इस सफलता के बाद, मध्यप्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने 2022 में इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा प्रदान किया।
विशेषताएँ और विकास योजनाएँ:
इस क्षेत्र में अब भारतीय गिद्धों के संरक्षण और प्रवासी पक्षियों के आश्रय स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। यहाँ की जैव विविधता और प्राकृतिक संपदा इसे वन्यजीव प्रेमियों के लिए बेहद आकर्षक बनाती है।
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