संभाग अंतर्गत सभी विद्यालयों में एसटीडीएस योजना का क्रियान्वयन करें - संभागायुक्त डॉ. रावत

संभाग अंतर्गत सभी विद्यालयों में एसटीडीएस योजना का क्रियान्वयन करें - संभागायुक्त डॉ. रावत

सागर। संभाग आयुक्त डा. वीरेन्द्र सिंह रावत ने संभाग अंतर्गत सभी विद्यालयों में शिक्षकों की समयबद्ध उपस्थिति और व्यवस्थित अध्यापन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक शिक्षक को प्रदत्त टैबलेट का उपयोग करके विद्यालय एसटीडीएस योजना का क्रियान्वयन किया गया है।

इस योजना के तहत विभाग द्वारा प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक तक सभी शिक्षकों को निःशुल्क टेबलेट उपलब्ध कराये गये हैं प्रत्येक शिक्षक अपना टेबलेट शाला में अनिवार्यतः प्रत्येक दिवस लायेंगे। समस्त संस्था प्रधान प्रातः 10 बजे से 10.30 बजे के मध्य विद्यालय की प्रातः कालीन एवं सांयकालीन प्रार्थना सभा में समस्त विद्यार्थियों एवं समस्त स्टॉफ सहित फोटोग्राफ जो कैमरे से क्लिक की गई हो जिसमें समय एवं दिनांक डिजीटली अंकित हो, प्राथमिक/ माध्यमिक विद्यालय जनशिक्षा केन्द्र/संकुल केन्द्र के ग्रुप पर शेयर करेंगे एवं हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल विकासखंड शिक्षा अधिकारी के ग्रुप में, आवश्यकतानुसार अध्यापन की वैकल्पिक वावस्था भी सुनिश्चित कर, तत्काल शेयर करेंगे।

प्रत्येक शिक्षक प्रत्येक दिवस उसके द्वारा अध्यापित कक्षा का समय एवं दिनांकित फोटो जिसमें विद्यार्थी भी हों अपनी संस्था के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करेंगे। संस्था प्रधान जनशिक्षा केन्द्र/संकुल केन्द्र के विकासखंड के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजेंगे एवं जनशिक्षा केन्द्र/संकूल केन्द्र एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी अपने कम्प्यूटर पर सेव कर सुरक्षित करेंगे। मॉनीटरिंग अधिकारी जब भी संस्था में उपस्थित होंगे तो इसकी समीक्षा आवश्यक रूप से करेंगे एवं प्रपत्र में इसका उल्लेख कर मॉनीटरिंग के समय अवलोकित करायेंगे।

  शिक्षण प्रक्रिया ज्यादा प्रभावी एवं स्थायी बनाने हेतु योजना के माध्यम से टेबलेट का उपयोग करते हुए पाठ्यक्रम की विभिन्न विषय वस्तुओं पर रोचक वीडियो तैयार करें साथ ही उन विषय वस्तुओं पर ई-पाठशाला, ई-जादुई पिटारा यू-टयूब आदि से वीडियों की लिंक ई फोल्डर बनाकर सेव करें। इन ऑडियो-वीडियों का उपयोग अध्यापन कार्य में अनिवार्यतः किया जावे। स्लो लर्निंग एवं लर्निंग गेप कवर करने में भी टेबलेट का बेहतर परीक्षा परिणाम हेतु समुचित उपयोग किया जावे।

 अर्द्धवार्षिक परीक्षा में कम अंक अर्जित करने का कारण, त्रैमासिक परीक्षा से तुलना, शाला में उपस्थिति, विषय शिक्षक की अध्यापन विधि, गृहकार्य की अभ्यास पुस्तिका का मूल्यांकन, अस्वस्थता, पारिवारिक स्थिति की प्रत्येक विद्यार्थीवार पालक शिक्षक नियुक्त कर सूक्ष्म समीक्षा की जावे विद्यालय के पश्चात घर पर अध्ययन हेतु समय-सारणी दी जावे जिसकी एक प्रति विद्यार्थी के घर अध्ययन स्थल पर लगवाई जावे एवं विद्यालय के उपरांत अध्ययन के लिए प्रत्येक दिवस प्रेरित किया जाये।

 विषयों को रोचक एवं सरल तरीके से बताया जाये। विशिष्ट विद्यार्थियों के लिए विशिष्ट कक्षाओं का आयोजन किया जाये। अवकाश दिवसरों में भी विशेष कक्षायें संचालित की जाये। विद्यार्थी एवं शिक्षक भी प्रत्येक दिवस की मॉनीटरिंग अभिलेखित की जावे एवं गृह संपर्क की पालक व विद्यार्थियों की टाईम टेबिल अनुसार मॉनीटरिंग की फोटो टेबलेट से ग्रुप पर शेयर की जावे। झ परीक्षा नजदीक होने से विद्यालय की प्रातःकालीन एवं समापन अवसर पर विद्यार्थी के आत्म विश्वास में वृद्धि हेतु एवं तनाव मुक्ति हेतु  (क्या करें क्या न करें) एवं सरल तरीके से परीक्षा की तैयारी कर सम्मिलित होने हेतु समझाया आवे एवं लिखाया जावे।

विद्यार्थियों की नियमित काउन्सिलिंग की जाये। शिक्षक पढ़ाये जाने वाली विषय वस्तु का एक दिवस पूर्व अध्ययन एवं पात योजना तैयार कर ही पढ़ावे। विद्यार्थी शिक्षक का अनुसरण करते हैं अतः शिक्षक हमेशा उच्च व्यवहारिक गतिविधि में रहते हुए आदर्श प्रस्तुत करें, के क्रियान्वयन के टेबलेट से बीडियो तैयार किए जायें। तदानुसार योजना के अंतर्गत कार्यों का क्रियान्वयन समय-सीमा में सुनिश्चित करने हेतु संकुल प्राचार्य, जनशिक्षा केन्द्र प्रभारी, बी.ई.ओ., बी.आर.सी. एवं जिला शिक्षा अधिकारी सतत् मॉनीटरिंग करें एवं विकासखंडवार संपूर्ण जिले का पालन प्रतिवेदन 15 दिवस में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण को प्रेषित किया जावे एवं संयुक्त संचालक शिक्षा समग्र रूप से संक्षिप्त प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरकर्ता को अनिवार्यतः प्रस्तुत करेंगे।

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