***एडीओ और पत्रकार को जिंदा जलाने का मामला उलझा***
*उलझा मामला*
सागर के शाहगढ़ में बुधवार की सुबह सहायक विस्तार अधिकारी को जलाने का मामला उलझा***
मामले में आरोपी शहर से 4किलोमीटर दूर गंभीर जली अवस्था में मिला जिसकी अस्पताल लाते समय हुई मौत
*मामले में आरोपी बनाए गए चक्रेश जैन के भाई ने सहायक विस्तार अधिकारी पर जलाकर मार डालने का लगाया आरोप
बुंदेलखंड के सागर जिले की जनपद शाहगढ़ में एक अधिकारी को ज़िंदा जलाने के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया जब जिस पत्रकार पर ज़िंदा जलाने के आरोप लग रहे थे वो जली हुई अवस्था में जंगल की एक झोपडी में मिला और हॉस्पिटल लाते वक्त उसकी मौत हो गई –जबकि पंचायत विभाग में पदस्थ अधिकारी जली हुई अवस्था में हॉस्पिटल में भर्ती हें *सच्चाई* क्या हें यह तो जांच के बाद सामने आएगा लेकिन इस सम्वेदनशील मामले ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गये।
मध्यप्रदेश के सागर जिले के शाहगढ़ में ज़िंदा जलाने के मामले ने जिले में सनसनी फैला दी । दरअसल यह बारदात आज सुबह आठ बजे की हें जहाँ शाहगढ़ के अमरमऊ से खबर आई की जनपद पंचायत शाहगढ़ में एडी ईओ(सहायक विकास विस्तार अधिकारी) के पद पर पदस्थ अमन चौधरी को चक्रेश जैन नाम के पत्रकार ने पेट्रोल डालकर ज़िंदा जला दिया हें जिसे गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती किया किया गया ।अमन चौधरी ने अपने मरणासन्न कथन में बताया कि उसके ऊपर पत्रकार चक्रेश जैन ने पेट्रोल डालकर आग लगाई हें जिससे अमन का शरीर तीस प्रतिशत जल गया हें ।पुलिस ने आरोपी चक्रेश जैन पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी
वही इस घटनाक्रम में कुछ देर बाद एक नया मोड तब आया जब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना मिलती है की आरोपी चक्रेश जैन जली हुई अवस्था में अमरमऊ से पांच किलोमीटर दूर एक झोपडी मेंं पड़ा हुआ है।उसके परिजन और दोस्त उसे अस्पताल लेकर निकलते है।लेकिन अस्सी प्रतिशत जली हुई अवस्था में चक्रेश जैन का हॉस्पिटल आने से पहले दम निकल जाता हें |
इसी पूरी वारदात की जड एक एससी एक्ट मामला था जिसमे अमन चौधरी ने दो साल पहले चक्रेश जैन के खिलाफ एस सी एक्ट का मामला दर्ज करवाया था जिसका दो दिन बाद फैसला आना था। इसी मसले को लेकर आज सुबह आठ बजे ये दोनों अमरमऊ में मिले थे जहाँ इस वारदात को अंजाम दिया गया था। अब अमन चौधरी जो हॉस्पिटल में भर्ती हें वो सच बोल रहे हें या फिर चक्रेश जैन के परिजन सच बोल रहे हें की अमन ने चक्रेश को ज़िंदा जलाकर जंगल में फेंक दिया था जिससे उसका दम निकल गया –जबकी अमन चौधरी अपने बयानों में कह चुके हें की उन्हें चक्रेश जैन ने ज़िंदा जलाया हें
इस मामले में कौन सही है और कौन झूट बोल रहा है ये तो जांच का विषय है लेकिन इस मामले ने पुलिस के माथे पर पसीना ला दिया है — सागर के पुलिस कप्तान 12 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुच पाए हें जिसमे वो यह अंदाजा लगा सके की किसने किसको ज़िंदा जलाया हें बहरहाल चक्रेश जैन की मौत के बाद हॉस्पिटल में पड़े घायल अमन चौधरी पर पुलिस का संदेह बढ़ गया हें खुद पुलिस कप्तान ने मौके पर पड़ताल करने के लिए एडिशनल एस पी राजेश व्यास को भेज दिया है सागर एडिशनल एस पी ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि पत्रकार की मौत के बाद पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच शुरू कर दी है। हर बिंदु पर बारीकी से जांच की जा रही है और जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा
बहरहाल क़ानून यह कहता हें एक व्यक्ति जला हें जली हुई अवस्था में उसकी मौत हुई हें | पर सचाई क्या हें यह तो कुछ समय बाद पता चलेगा लेकिन इतना जरुर हें की ज़िंदा जलाए जाने के इस मामले से क्षेत्र में दहशत है और पत्रकार अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे है ।
रिपोर्ट***** आशीष दुबे सागर एमपी