बड़े दुर्भाग्य की बात है. समाज का आईना कहे जाने वाले पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमले…
आखिर जिम्मेदार कौन…?
समाज पर हो रहे अत्याचार भ्रष्टाचार या अन्य मुद्दों पर पत्रकार यदि कोई काम करता है. और उसकी निष्पक्ष खबर निकालता है. तो उसकी इस काम के एवज में धमकी जान से मारने की कोशिश झूठे मामलों में फंसा देना. पैसे का लालच देना. अन्य अपराधियों से पिटवा देना. यह कहां तक तर्कसंगत है. इस पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं..
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यदि इसी प्रकार पत्रकारों पर अत्याचार होते रहे. तो समाज का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले. समाज की अच्छी बुरी गतिविधियों को दिखाने वाले. पत्रकारों का क्या होगा. क्या प्रशासन शासन नेता और राजनेता .जो पत्रकारों के विषय में बड़े बड़े वादे करते हैं. घोषणाएं करते हैं. कि पत्रकारों की सुरक्षा की इंतजाम कराएंगे. उनके वादे आखिर किस मिट्टी में धूमिल हो जाते हैं. इसका जवाब कौन देगा…
क्या समाज का आईना कहे जाने वाले पत्रकार सुरक्षित हैं. उनका परिवार सुरक्षित है.जो दिन रात निर्भीक निष्पक्ष और निडर साहसी अपने कर्तव्य का पालन कर रहते है. समस्त पत्रकार जगत को आखिर किसके भरोसे छोड़ दिया गया है. इसका जवाब कौन देगा…
कुछ समय पहले रहली में एक पत्रकार की घर में घुसकर उसके उसके पूरे परिवार के साथ मारपीट की जाती है. यह कितना सही था. कितना गलत .इसका जवाब कौन देगा…
अभी शाहगढ़ में एक पत्रकार की किस कारण मौत हुई है .प्रशासन इसकी जांच में जुटा है. देखते हैं .आगे क्या होता है .पर कहीं ना कहीं पत्रकारों की आवाज जान माल अब सुरक्षित नहीं है .इसका जवाब आप कौन देगा. और कैसे देगा .यह कौन बताएगा.
………आशीष दुबे……🖊