शासन की योजनाओ से बंचित केवलारी ग्राम के लोग
नजर अंदाज कर गहरी नींद मै सो रही जनपद सीईओ
देवरी सागर :- देवरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मढपिपरिया जिसमे ग्राम केवलारी ऐसा ग्राम है जहॉ कुछ को लोगो शासन की योजनाओ का लाभ सचिव के कारण नही मिल पा रहा है। सचिव की लापवाही के कारण ग्रामीण लोग परेशान है। जनपद सीईओ को सब जानकारी भी है पर पता नही क्यो चुप चाप नजर अंदाज कर रही है ऐसा प्रतीत होता है कि सीईओ मेडम सभी सचिवो की लापरवाही व भ्रष्ट्राचार को नजर अंदाज करके गहरी नींद मै सो रही हो । अन्य पंचायतो की तरह ग्राम केवलारी मै भी ढेर सारी अनियमिता व सचिव की मनमानी देखने मिली जहाँ पर ग्राम केवलारी में रहने वाले भागीरथ आदिवासी की सब पात्रता होने के बाद भीआज तक न तो पी एम आवास बना न ही शौचालय बना।
हितग्राही ने बताया कि सचिव मेरा रासन कार्ड ले गये थे। तो उनके द्वारा मेरा राशन कार्ड गुमा दिया है। जिसके कारण मुझे राशन भी नही मिल रहा है ऩ ही किसी योजना का लाभ मिल पा रहा है।बरसात मै पूरा घर धरासाही हो चुका हैं हम किराये के मकान मै रहकर गुजारा कर रहे हैै। ऐसा ही शिवकुमार आदिवासी का भी मकान बरसात मै पूरा धरासाही हो गया ह्रै। ग्राम के निवासी प्रेमसीग चढ़ार की कुटी की पहली किस्त 40 मै से 25 हजार का गोलमाल सचिव व ठेकेदार ने मिलकर हितग्राही को उल्लू बना कर खा लिये।
साथ ही ग्राम के हितग्राही प्रेमसीग चढ़ार ,मोहन जाट , देवेन्द्र प्रजापति की पी एम आवास की आखिरी किस्त में मजदूरी की राशि मैं से,किसी को पॉच हजार मात्र मिले तो किसी को दस हजार मिले पूरी रासि किसी को भी नही मिली।ग्राम में जो पचास हजार की राशि का चबूतरा बनाया गया वह भी गुणवत्ताहीन है जो अभी से जर्जर स्थिति मै आ रहा है। पूरे ग्राम पंचायत मै समस्याओ का अंबार फैला हुआ है और सीई ओ मेडम को कोई लेना देना नही है न ही कोई कार्यवाही करती है। इनके पहले जो जो सी ईओ रहे उन सीइओ के कारण पंचायते डर मै रहती थी व सचिव सरपंच कार्यवाही से डरते थे । मगर सीईओ पूजा जैन के आते ही 3 महीने मै सभी पंचायते मनमर्जी से क्यो चलने लगी सचिव सरपंच को सीईओ का डर भय नही है जैसे ग्रामीण जनता का कहना ह्रै ऐसा लगता है जैसे सीइओ मेडम के साये मै ही सारा भष्ट्राचार पनप रहा हो । जिसके सीईओ मेडम की सचिवो से साठ गाठ चल रही है चाहे कितना भी भ्रष्ट्राचार हो रहा हो मै तो गहरी नीदं मै ही सोती रहूगी।
त्रिवेंद्र जाट देवरी 🖋