हम चीन को जवाब देने को तैयार, गलवान में बहादुरों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे’, लद्दाख सीमा तनाव पर बोले IAF प्रमुख
भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया हैदराबाद में एयरफोर्स एकेडमी की कंबाइंड ग्रैजुएशन परेड देखने पहुंचे। यहां उन्होंने चीन के साथ 15 जून को सीमा पर मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने और उनके बहादुर सैनिकों ने गलवान घाटी में एलएसी की रक्षा के लिए बलिदान दे दिया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि हम इस चुनौतीपूर्ण हालात में भारत की स्वायत्ता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा, “यह साफ रहना चाहिए कि हम हर हालात के लिए पूरी तरह तैयार हैं और किसी आपात स्थिति के लिए भी जरूरी संख्याबल के साथ मौजूद हैं। मैं देशवासियों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हम हर खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं और गलवान में शहीद हुए अपने बहादुरों के बलिदान को जाया नहीं होने देंगे।”
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों से चीनी सामान उपयोग ना करने की अपील
देश में चीन को सैन्य के साथ आर्थिक तौर पर सबक सिखाने की मांग भी जोर पकड़ रही है। कई नेता चीनी सामान के बहिष्कार की मांग कर चुके हैं। इनमें सबसे नया नाम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है। सीएम चौहान ने राज्यवासियों से अपील की है कि वे मेड इन चाइना सामानों का बायकॉट करें। उन्होंने कहा कि सीमा पर हमारी सेना चीन को जवाब देगी, लेकिन हमें भी आर्थिक मोर्चे पर उन्हें सबक सिखाना होगा। शिवराज संभवतः पहले ऐसे सीएम हैं, जिन्होंने चीन का खुल कर विरोध किया है।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही पीएम ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि न तो किसी ने हमारे क्षेत्र में घुसपैठ की है और न ही किसी चौकी पर कब्जा किया है। हमारे बलों को देश की रक्षा के लिए जो करना चाहिए, वो कर रहे हैं, चाहे जवानों को तैनात करना हो, कार्रवाई करना हो या जवाबी कार्रवाई करना हो। उनके मुताबिक, नवनिर्मित बुनियादी संरचनाओं की वजह से, खासतौर पर एलएसी के आसपास हुए निर्माण से हमारी गश्त की क्षमता बढ़ी है।
बता दें कि वर्चुअल ऑल पार्टी मीटिंग के दौरान 20 में से अधिकतर दलों ने सरकार का समर्थन किया। 20 में से ज्यादातर दलों ने कहा कि इस घड़ी में हम एक हैं और केंद्र के साथ हैं। हालांकि, कांग्रेस अलग-थलग नजर आई। ऐसा तब हुआ, जब महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी एनसीपी के शरद पवार ने सरकार का समर्थन किया।