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Article 370 और 35A पर पुरे देश में अलर्ट मुस्तैद, J&K जाएंगे डोभाल

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर पर बहुत बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म करने संकल्प राज्यसभा में पेश किया। इसके साथ ही Article 370 व 35A खत्म कर दिया गया है। शाह ने राज्‍यसभा में राज्य के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश होंगे। जम्‍मू-कश्‍मीर में विधानसभा तो होगी लेकिन लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने सभी राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्‍य सचिवों, डीजीपी और पुलिस कमिश्‍नरों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। राज्‍यों में सुरक्षा बलों एवं एजेंसियों को अलर्ट रहने के भी निर्देश दिए गए हैं। राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल (NSA Ajit Doval) आज कश्‍मीर का दौरा कर सकते हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वह राज्‍य में वरिष्‍ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करके जमीनी हालात का जायजा लेंगे। डोभाल ने जुलाई के अंतिम हफ्ते में श्रीनगर का दौरा किया था।
इसके साथ ही जम्‍मू-कश्‍मीर में बड़ी संख्‍या में अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। सरकार ने आठ हजार अतिरिक्‍त सुरक्षा बलों को यूपी, असम एवं ओडिशा समेत अन्‍य भागों से जम्‍मू-कश्‍मीर भेजने का फैसला किया है। इन्‍हें विमान के जरिए जम्‍मू-कश्‍मीर ले जाया जा रहा है। भारतीय सेना और एयर फोस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को उनके घरों में नजरबंद कर लिया गया है। कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। घाटी में इंटरनेट सेवाओं बंद करने के साथ ही जम्‍मू और श्रीनगर में आर्टिकल-144 लगा दी गई है।

लेह में सामान्‍य जन जीवन बिल्‍कुल सामान्‍य है। स्‍कूल कॉलेज एवं अन्‍य शैक्षणिक संस्‍थान सामान्‍य दिनों की तरह खुले हैं। इस रिजन में आर्टिकल-144 नहीं लगाई गई है। इस वीडियो में देखें कैसे लोग अपने सामान्‍य काम काज में जुटे हुए हैं। लद्दाख रीजन में जनजीवन सामान्‍य है और यहां धारा-144 भी नहीं लगाई गई है। श्रीनगर और जम्‍मू में धारा-144 लगाई गई है। डलझील में शिकारे खाली है और चारो ओर सन्‍नाटा पसरा हुआ है। राज्यपाल ने मुख्य सचिव को घटना पर नजर रखते हुए हर घंटे रिपोर्ट देने के लिए कहा है। चूंकि मोबाइल सेवाएं बाधित हैं इसलिए अधिकारियों को संपर्क के लिए सेटेलाइट फोन दिए गए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्‍यसभा में अनुच्‍छेद-370 को हटाने का संकल्‍प पेश करते हुए कहा कि संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई था। इसका मतलब यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाएगा लेकिन अब तक किसी में इतनी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी कि इसके बारे में फैसला ले। कुछ लोग वोट बैंक की राजनीति कर रहे थे लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है। शाह ने कहा कि इतने वर्षों तक देश में जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला। अब वक्‍त आ गया है कि बिना देर किए ही अनुच्‍छेद-370 को हटाया जाए।

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। साल 1947 में जम्मू कश्मीर के नेतृत्व ने दो राष्‍ट्र की थ्योरी को खारिज करके भारत में शामिल होने का निर्णय लिया था जो उल्‍टा साबित हुआ है। भारत सरकार का अनुच्छेद-370 को हटाने का फैसला असंवैधानिक और अवैध है। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जम्‍मू-कश्‍मीर में तीन-तीन पूर्व मुख्‍यमंत्री नजरबंद किए गए हैं। भाजपा ने आज संविधान की हत्या की है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जब संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया तो विपक्षी नेता हंगामा करने लगे। पीडीपी सांसद नाजिर अहमद इस घोषणा के बाद ही कपड़े फाड़कर बैठ गए और हंगामा करने लगे। यही नहीं कांग्रेस, तृणमूल एवं डीएमके के सांसदों ने भी खूब हंगामा किया। वहीं अन्‍नाद्रमुक के ए. नवनीतकृष्णन ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं। अनुच्‍छेद-370 अस्थाई है और इसे हटाने का प्रावधान गलत नहीं है।
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