रामायण के किरदारों को भा रही बीजेपी, अब ये किरदार हुए बीजेपी में शामिल….
नई दिल्ली : साल 1987 में आए रामानंद सागर के मशहूर धारावाहिक रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल ने गुरुवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव अभियान के बीच टीवी के राम को पार्टी में शामिल करने को काफी अहम माना जा रहा हैं, क्योंकि बंगाल में ‘जय श्रीराम’ के नारे के सहारे पार्टी ममता बनर्जी की पार्टी को हराकर बंगाल जीतना चाहती हैं. रामायाण सीरियल के राम ही नहीं बल्कि सीता, रावण और महाभारत धारावाहिक में अहम किरदार निभाने वाले कृष्ण, द्रौपदी और युधिष्ठिर जैसे अहम चेहरे बीजेपी की कश्ती में सवार हैं.
‘रामायण’ सीरियल से मशहूर हुए अभिनेता अरुण गोविल (Arun Govil) गुरुवार को बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. रामानंद सागर के सीरियल ‘रामायण’ में उन्होंने भगवान राम की भूमिका निभाई थी. अरुण गोविल ने दिल्ली में बीजेपी कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह मौजूद रहे.
बीजेपी में शामिल होने के बाद अरुण गोविल ने कहा कि इस समय जो हमारा कर्तव्य है वो करना चाहिए. मुझे राजनीति आज से पहले समझ नही आती थी, लेकिन मोदी जी ने जब से देश को संभाला है तब से देश की परिभाषा ही बदल गई. मेरे दिल दिमाग़ में जो होता है कर देता हूं.
अरुण गोविल ने कहा कि अब मैं देश के लिए योगदान देना चाहता हूं और इसके लिए हमें एक मंच की जरूरत है और बीजेपी आज सबसे अच्छा मंच है. उन्होंने कहा कि पहली बार मैंने देखा कि ममता बनर्जी को “जय श्री राम” के नारे से एलर्जी हुई. जय श्री राम केवल एक नारा नहीं है.
5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच अरुण गोविल की बीजेपी में एंट्री खास मानी जा रही है. हालांकि, पार्टी में अरुण गोविल की जिम्मेदारी क्या होगी यह अभी साफ नहीं है. कयास लगाए जा रहे हैं कि गोविल बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं, हालांकि इस बारे में पार्टी या खुद गोविल की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
टीवी के राम बीजेपी की नैया लगाए पार
रामायण सीरियल में ‘राम’ का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. 90 के दशक में जब यह सीरियल दूरदर्शन पर आया करता था तो अरुण गोविल की लोकप्रियता काफी बढ़ गई थी. हालांकि अब उन्हें किरदार अदा किए हुए तीन दशक हो रहे हैं. ऐसे में वो सियासी तौर पर कितने फायदेमंद साबित होंगे यह तो वक्त ही बताएगा.
राम से पहले ‘रावण’ की बीजेपी एंट्री
रामायण सीरियल में अरुण गोविल के साथ रावण की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी काफी पहले बीजेपी से सियासी पारी का आगाज कर चके हैं. साल 1991 में वह बीजेपी के टिकट पर गुजरात के साबरकांठा से लोकसभा चुनाव लड़े थे. उन्होंने जनता दल गुजरात के मगनभाई मणिभाई पटेल को करीब 36 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद साल 2002 में भी चुनाव जीते थे. 2002 में वह सेंसर बोर्ड के एक्टिंग चेयरमैन भी बने थे.
बीजेपी से सांसद चुनी गई थीं सीता
रामायण धारावाहिक में मां सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया ने भी बीजेपी से अपनी सियासी पारी शुरू की थी. 1991 में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. वह गुजरात की वडोदरा सीट से लड़ी थीं. उन्होंने कांग्रेस के रंजीत सिंह प्रताप सिंह गायकवाड़ को मात दी थी.
‘हनुमान’ दारा सिंह भी हुए थे शामिल
रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह ने सीधे तौर पर बीजेपी का दामन नहीं थामा था, लेकिन साल 2003 में बीजेपी ने मनोनीत सदस्य के तौर पर उन्हे राज्यसभा भेजा था. 2012 में उनका निधन हो गया है. बीजेपी ने कला और संस्कृति में उनके योगदान को देखते हुए उच्च सदन भेजा था.
महाभारत के कृष्ण भी बीजेपी से लड़ चुके चुनाव
महाभारत सीरियल में भगवान कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भारद्वाज ने काफी पहले बीजेपी का दामन थामा था. उन्होंने 1996 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर झारखंड के जमशेदपुर से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी. इसके बाद उन्होंने 1999 में मध्य प्रदेश की राजगढ़ सीट से किस्मत आजमाई, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से हार गए थे. इसके बाद उनका सियासत से मोहभंग हो गया.
युधिष्ठिर भी बीजेपी के नाव पर सवार
‘महाभारत’ में पांडवों के भाई के तौर पर युधिष्ठिर के किरदार की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान ने 2004 में बीजेपी का दामन थामा था. बीजेपी ने 2015 में उन्हें प्रतिष्ठित फिल्म ऐंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का चेयरमैन नियुक्त किया गया, जिसका काफी विरोध हुआ था.
द्रौपदी की भूमिका निभाने वाली बीजेपी से राज्यसभा
महाभारत में ही द्रौपदी का किरदार निभाने वाली रूपा गांगुली अभी राज्यसभा की मनोनीत सांसद हैं. पश्चिम बंगाल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थामा था. बंगाल के पिछले विधानसभा चुनाव में वह हावड़ा नॉर्थ से चुनाव भी लड़ीं लेकिन हार गईं थी. इसके बाद पार्टी ने 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. वो बीजेपी की तेजतर्रार नेता के तौर पर जानी जाती हैं.
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