इमरती देवी के बयान पर मचा बवाल, निर्वाचन कार्यालय ने मांगा जवाब
भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनाव को देखते हुए परिस्थितियां पल-पल बदल रही है। एक तरफ जहां जनसंपर्क के लिए नेताओं के दौरे हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्रचार प्रसार में भी तेजी आई है। इसी तरह एक दौरे के दौरान शिवराज कैबिनेट के मंत्री इमरती देवी ने उपचुनाव के मद्देनजर एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। जिस पर प्रदेश कांग्रेस ने मंत्री इमरती देवी की शिकायत मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में की थी जिस पर अब मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने ग्वालियर कलेक्टर से जवाब मांगा है।
दरअसल सोशल मीडिया पर इमरती देवी का एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिस वीडियो में मंत्री ग्रामीणों से यह कहते हुए नजर आ रही थी की जिस कलेक्टर से कहेंगे चुनाव में वह सीट उनकी हो जाएगी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद ही सियासत कलियों में मामला गरमा गया था जिसके बाद कांग्रेस मंत्री इमरती देवी की शिकायत करने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पहुंची थी। अब आयोग ने इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग से प्रतिवेदन मांगा है। इसके साथ ही ग्वालियर कलेक्टर को रिपोर्ट तलब किया है। इधर सामान्य प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि एक-दो दिन में प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा।मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय रिपोर्ट को चुनाव आयोग भेजेगा। वहां से मार्गदर्शन मिलने के बाद आगामी कार्रवाई तय की जाएगी।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए कहा कि जिस तरह से बीजेपी मंत्री कह रही हैं कि उन्हें केवल 8 सीट देखना है जबकि कांग्रेस को 27 सीटें जितनी है इससे स्पष्ट है कि भाजपा सरकार की विधानसभा के उपचुनाव को लेकर नीति और नियत में खोट है। ऐसी स्थिति में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है जिसको लेकर चुनाव आयोग से कांग्रेस ने सख्त कदम उठाने की मांग की है। वहीं कांग्रेस ने इमरती देवी के अलावा अपने पत्र में भाजपा के 14 व्यक्तियों को मंत्री बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई है कांग्रेस का कहना है कि जो विधायक नहीं है उनके विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव में प्रत्याशी हैं वह प्रदेश स्तर पर नाममात्र के मंत्री हैं। ऐसे व्यक्तियों पर मंत्री का प्रभार डालकर शासकीय तंत्र और मशीनों का दुरुपयोग शुरू किया गया है।
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