असम और बिहार में बाढ़ ने मचाया हाहाकार राहत और बचाव कार्य जारी
असम में, कई नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही है और बाढ़ से राहत के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बाढ़ से 27 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और बड़ी संख्या में मकान और पशु बह गए हैं। ढुबरी, ग्वालपाड़ा और बारपेटा जिले बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। करीब एक लाख 17 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बाढ़ में डूब गई है। राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। राज्य के राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के बड़े हिस्से बाढ़ में डूब गए हैं। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने कहा है कि मनरेगा के आवंटन में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के प्रधान सचिव जॉन एक्का ने बताया कि मनरेगा का काम बाढ़ से प्रभावित हुआ है।
उधर, बिहार के दस जिलों में बाढ की विभीषिका जारी है। दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सुपौल, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण बाढ से सर्वाधिक प्रभावित हैं। करीब दस लाख लोग बाढ की चपेट में हैं। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि आज तीसरे पहर से भारतीय वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर बाढ प्रभावित क्षेत्रों की सेवा में लगा दिए गए हैं। इन हेलिकॉप्टरों के माध्यम से बाढ प्रभावितों तक सूखा भोजन और आवश्यक सामग्री पहुंचाई जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल तथा राज्य आपदा मोचन बल की 22 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगा दी गई हैा। करीब एक लाख बाढ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 15 हजार लोग 28 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। बाढ प्रभावित क्षेत्रों में वाहनों और ट्रेनों की आवाजाही अवरूद्ध है। पूर्व-मध्य रेलवे के दरभंगा-समस्तीपुर और नरकटियागंज-सुगोली रेल खंड पर ट्रेनों की आवाजाही स्थगित कर दी गई है। लंबी दूरी की ट्रेनों के मार्ग परिवर्तित कर दिए गए हैा।
दस जिलों के 74 विकासखंडों के कुल पांच सौ 29 पंचायत क्षेत्र बाढ से प्रभावित हैं। राज्य की अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे तटबंधों को खतरा उत्पन्न हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान नेपाल की ओर से राज्य में बहने वाली नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना है। उत्तर बिहार के कई जिलों में भी तेज वर्षा हो सकती है।
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