प्राथमिकता के हिसाब से व्यवस्थित करें जिला अस्पताल की सुविधाएं- कलेक्टर
कलेक्टर दीपक आर्य ने जिला अस्पताल कायाकल्प परियोजना की समीक्षा की
सागर:- जिला अस्पताल में ओपीडी रजिस्ट्रेशन हॉल के पास ओपीडी रूम, कैजुअल्टी के पास ही सभी आकस्मिक सुविधाएं, गहन चिकित्सा आदि अन्य विभागों की आवश्यकता एवं यूटिलिटी को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता के अनुसार जिला अस्पताल को व्यवस्थित करना हमारी प्राथमिकता है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्यवस्था को भी दुरुस्त करते हुए पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था यहां की जानी चाहिए। सभी सुविधाएं इस तरह से व्यवस्थित हों, जिससे मरीजों और उनके परिजन को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उक्त निर्देश कलेक्टर दीपक आर्य ने मंगलवार को जिला अस्पताल कायाकल्प परियोजना के प्रगतिरत कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। वे निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक एसएससीएल चंद्रशेखर शुक्ला, स्मार्ट सिटी सीईओ राहुल सिंह राजपूत और सिविल सर्जन डॉ. ज्योति चौहान के साथ स्मार्ट सिटी कार्यालय में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल का स्टॉर्म वाटर एवं अन्य ड्रेनेज़ सिस्टम का निर्माण तेजी से पूरा करें। ओपीडी और आईपीडी का हिस्सा अलग-अलग होना चाहिए, जिससे अव्यवस्था न फैले। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि एंबूलेंस कैजुअल्टी के गेट तक पहुंचे। कैजुअल्टी के पास ही सीटी स्कैन, एक्सरे, ट्रॉमा सेंटर, अस्थि रोग वार्ड और आईसीयू भी होना चाहिए, जिससे गंभीर मरीज को त्वरित रूप से इनकी सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास ही ओपीडी बनाई जाए, जिससे मरीजों को भटकना नहीं पडेगा। इसके अलावा सभी वार्डों को उनकी उपयोगिता के लिहाज से व्यवस्थित किया जाए। बिजली फिटिंग इस तरह से की जाए कि दुर्घटना की आशंका न रहे। वार्डों के साथ-साथ लॉबी एवं अस्पताल भवन के प्रत्येक भाग में पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था होना चाहिए। अस्पताल में आवश्यकतानुसार दिशासूचक एवं साईनेज बोर्ड आदि लगाएं ताकि आगंतुकों को अस्पताल भवन में अनावश्यक भटकना न पड़े। इससे अस्पताल परिसर में होने वाली अनावश्यक भीड़ को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास ग्रेनाइट आदि लगाकर फ्लोरिंग व्यवस्थित करें। जिला हॉस्पिटल भवन को फसाड वर्क से आकर्षक बनाएं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.