कोरोना काल में सागर को देश के अत्याधुनिक प्लांट की मिली सौगात
मंत्री भूपेन्द्र सिंह
(कचरा मुक्त होगा सागर, संभाग का पहला ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट, कचरे का होगा वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन)
● कोरोना सहित संक्रामक बीमारियों से शहरवासी रहेंगे सुरक्षित ।
● करीब 71 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है पूरा प्लांट ।

सागर- कोरोना काल में आज सागर को बड़ी सौगात मिल गई है। शहर को कचरामुक्त बनाने और संक्रामक बीमारियों से निजात दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधीन करीब 6 साल पहले स्वीकृत हुआ 71 करोड़ का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई पूर्ण हो गई हैं। देश में कचरे से खाद बनाने वाले अब तक के सबसे आधुनिक प्लांट के रुप में यह शुमार होगा। धामौनी मार्ग पर स्थित मसवासी ग्रंट में यह प्लांट पूर्ण रुप से तैयार हो गया है।
आज इसी के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह विशिष्ट अतिथि सांसद राजबहादुर सिंह,सागर, विधायक शैलेन्द्र जैन, नरयावली विधायक प्रदीप लारिया की उपस्थित में सम्पन्न हुआ ।

इस अवसर पर मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब तक इंदौर, भोपाल, जबलपुर और कटनी में इस तरह के प्लांट संचालित हैं, लेकिन उन सब में भी हमारे सागर का यह प्लांट आधुनिकतम उपकरणों और मशीनों से लैस है।
मसवासी ग्रंट में करीब 35 एकड़ में एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई के तहत प्लांट बनकर तैयार हो गया है। इसमें अलग-अलग आधा दर्जन से अधिक इकाइयां तैयार की गई हैं। सागर नगर निगम के अधीन तैयार यह प्लांट पूरे संभाग को कचरा मुक्त बनाएगा। गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग तरीके से सेग्रीगेट कर इससे खाद तैयार की जाएगी। सबसे अहम बात प्रदेश का पहला एनीमल कारकस प्लांट भी यहां लगाया गया है, जहां मृत मवेशियों के शवों को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज किया जाएगा ।

सांसद राजबहादुर सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सागर में बीती निगम परिषद के कार्यकाल के दौरान इसे स्वीकृत कराया गया था। हैदराबाद की रेमकी एन्वायरमेंट कंपनी के अधीन सागर एमएसडब्ल्यू सॉल्यूशन प्रा. लि. कंपनी से इसके लिए अनुबंध किया गया था। साल 2015 से सागर में योजना के तहत डोर-टू-डोर योजना के तहत घरों से कचरा कलेक्शन का काम प्रारंभ किया गया था, जो वर्तमान में सभी 48 वार्डों से विधिवत चल रहा है।
स्वच्छ भारत अभियान में सागर महानगरों की श्रेणी में आएगा
केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण और स्वच्छ भारत अभियान में सागर कई वर्षों से अंडर-50 में शामिल रहा है। यह प्लांट चालू होने के बाद सागर नगर निगम और सागर शहर देश के टॉप-10 शहरों में शुमार हो जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि सागर में कचरा उत्पाद प्वाइंट अर्थात घरों, दुकानों, सभी तरह की व्यावसायिक इकाईयां, अस्पतालें, होटलें, शादीघर से लेकर तमाम जगह से निकलने वाले कचरे को निगम की डोर-टू-डोर कचरा गाड़ियां दरवाजे से संग्रहित करेंगी। सड़कों पर कचरा नहीं आएगा और सागर की सड़कें कचरा मुक्त होंगी। इससे गंदगी खत्म होगी और सागर स्वच्छ होगा वहीं कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया जैसी अन्य संक्रामक बीमारियों से निजात मिलेगी और स्वच्छ सागर-स्वस्थ सागर का सपना साकार होगा
प्लांट के तहत यह इकाईयां बनकर तैयार हो गई हैं
★ कम्पोस्ट प्लांट
★ एनीमल कारकस
★ साइंटिफिक लैंड फिल
★ तौल कांटा
★ एडमिन बिल्डिंग
★ कैंटीन
★ रेस्ट रूम
★ वॉशरूम
★ इंटरनल रोड।
★ ग्रीन जोन।
★ सोलर इकाई।
★ टीनशेड इकाईयां
कैसे काम करेगा यह प्लांट
★सागर जिले सहित संभाग की 10 नगर पालिकाओं से कचरा संग्रह
★डोर-टू-डोर कचरा गाड़ियों से घर-घर से गीला-सूखा व अन्य हानिकारक कचरे का कलेक्शन
★बड़े व सुरक्षित वाहनों से कचरे को मसवासी ग्रंट तक पहुंचाया जाएगा
★मृत मवेशियों के शवों को विशेष वाहन से मसवासी ग्रंट पहुंचाया जाएगा
★यहां पर गीले-सूखे कचरे को वैज्ञानिक विधि के तहत खाद बनाने के लिए प्रोसेसिंग की जाएगी
★खाद बनने के बाद बचे सामान्य अपशिष्ट को लैंड फिल में नष्ट किया जाएगा
★प्लास्टिक कचरे को सेपरेट तरीके से नष्ट किया जाएगा।
★प्लास्टिक कचरे को प्रोसेस कर रॉ-मटेरियल तैयार किया जाएगा।
★गीले-सूखे कचरे से बनी खाद स्थानीय स्तर पर किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी ।
इस कार्यक्रम में नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, सागर सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक सागर शैलेंद्र जैन, विधायक नरयावली प्रदीप लारिया, पूर्व महापौर अभय दरे, पूर्व विधायक नारायण कबीरपंथी, कमिश्नर केके जैन, कलेक्टर दीपक सिंह, नगर निगम कमिश्नर आरपी अहिरवार, नगरीय प्रशासन कमिश्नर निकुंज श्रीवास्तव, सीईओ स्मार्ट सिटी राहुल सिंह राजपूत, भावेश मल्होत्रा, अमित दुबे सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे
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