राम मंदिर निर्माण के लिए इस संत ने 54 बार भू-समाधि ली, 17 बार ली जल समाधि
सगरा पीठाधीश्वर हरिचैतन्य बालयोगी मौनी बाबा 29 साल में 1488 किमी लेटकर कर चुके परिक्रमा
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बहुत से संतो ने कई वर्षों तक संघर्ष किए हैं और आखिरकार 5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन होने वाला है जिसमें कई संतों के पहुंचने की उम्मीद है हम आपको आज एक ऐसे संत के बारे में बताएंगे जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए बहुत संघर्ष किया है और जिन का सपना राम मंदिर बनते देखना था तो हम बात कर रहे अमेठी जिले के सगरा पीठाधीश्वर हरिचैतन्य बालयोगी मौनी बाबा की जिन्होंने अब तक 54 बार भू-समाधि और 17 बार जल समाधि ले चुके हैं और 29 साल में 14 सौ 88 किमी लेटकर परिक्रमा कर चुके हैं।
आपको बता दें कि, अब जबकि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भव्य राम मंदिर निर्माण का ज्योतिषियों, मनीषियों और साधु सन्यासियों की देखरेख में शिलान्यास और भूमि पूजन होना तय हो गया है, तो ऐसे में सगरा पीठाधीश्वर मौनी बाबा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, वे एक अगस्त से ही अयोध्या प्रवास करेंगे। उन्होंने कहा कि, उनकी वर्षों की तपस्या पूर्ण होने वाली है। मौनी बाबा ने कहा कि, वे भी भूमि पूजन के ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए उतावले हैं।
परमहंस बाबा सहजराम आश्रम सगरा अमेठी भी वर्ष 1989-90 से लेकर आज तक जो भी और जब भी राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन हुए, उसमें सगरा आश्रम भी आंदोलन का वाहक बना रहा। मौनी बाबा ने राम मंदिर निर्माण के संकल्प को लेकर पिछले 29 साल से कठिन तपस्या की और राममंदिर निर्माण के संकल्प के साथ 54 बार भू-समाधि और 17 बार जल समाधि ली। इतना ही नहीं है राम मंदिर निर्माण के संकल्प के साथ मौनी बाबा ने एक हजार 488 किमी लेट कर अयोध्या की परिक्रमा भी कर चुके हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए मौनी स्वामी ने आश्रम पर 3 करोड़ 88 लाख से अधिक दीपदान कर चुके हैं। सगरा पीठाधीश्वर मौनी स्वामी कहते हैं कि, “राम काज कीन्हें बिना मोंहि कहां विश्राम”। उन्होंने कहा कि, राम मंदिर आंदोलन में बहुत यातनाएं झेलनी पड़ी। राम मंदिर निर्माण के लिए 5 साल पहले अयोध्या में 84 कोसी परिक्रमा करते समय और भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए बहुत यातनाएं झेलनी पड़ी है। यहां तक की राम मंदिर के निर्माण के लिए धरना भी देना पड़ा था।
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