विवि रोड ऐसा हो कि लोग देखने आएं- कलेक्टर
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने की स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं की समीक्षा
सागर:- कलेक्टर दीपक आर्य ने सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की परियोजनाओं की विस्तृत समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। विश्वविद्यालय रोड के कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि इस सडक के सौंदर्यीकरण का काम ऐसा होना चाहिए कि लोग इसे देखने के लिए आएं। बैठक में नगर निगम आयुक्त आर. पी. अहिरवार और सीईओ स्मार्ट सिटी राहुल सिंह राजपूत विशेषरूप से मौजूद थे।

बैठक में कलेक्टर आर्य ने विश्वविद्यालय रोड निर्माण के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सडक किनारे बनाई गई दीवार को सुंदर बनाएं। इसके लिए बेहतर पेंटिंग्स और डिजाइन खोजें। सौंदर्यीकरण के नए आइडियाज पर काम करें। डॉ. हरिसिंह गौर और गौतम बुद्ध के भित्तिचित्र, पेंटिंग्स और उनके संदेश भी लगाएं। फोकस लाइट्स का उपयोग भी किया जा सकता है। विश्वविद्यालय का गेट भी सुंदर होना चाहिए। स्मार्ट रोड परियोजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि राजघाट तिराहा से सिविल लाइन चौराहा तक बन रही एसआर-2 का काम 30 नवंबर तक पूरा करें। बिजली लाइन शिफ्टिंग के लिए बिजली विभाग के साथ बैठक आयोजित करें, जिससे इस काम के कारण देरी न हो। उन्होंने निर्माण एजेंसी को रात में भी काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके अलावा स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज नेटवर्क, इन्क्यूबेशन बिल्डिंग निर्माण, कन्वेंशन सेंटर बिल्डिंग निर्माण की भी विस्तार से समीक्षा की।
कलेक्टर दीपक आर्य ने सिटी स्टेडियम, खेल परिसर और 48 पार्क एंड प्ले एरिया में खेल विकास के लिए हो रहे निर्माण कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि खेल सुविधाएं बढने से सागर की प्रतिभाओं को आगे बढने के लिए रास्ते खुलेंगे। कलेक्टर दीपक आर्य ने वर्किंग वूमन हॉस्टल, शी लॉन्ज, एलिवेटेड कॉरिडोर, कुआं-बावडी जीर्णोद्धार, संजय ड्राइव रोड, फायर स्टेशन, जीआईएस मैपिंग आदि परियोजनाओं और उनके कार्य की प्रगति की समीक्षा की। परकोटा दीवार सौंदर्यीकरण की समीक्षा के दौरान कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि यहां पानी निकासी की ऐसी व्यवस्था होना चाहिए, जिससे गंदगी न रहे। साथ ही बिजली लाइनों को भी व्यवस्थित करना चाहिए। सीएम राइज स्कूल परियोजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का काम तेजी से किया जाए। निर्माण के दौरान यह ध्यान रखें कि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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