Publisher Theme
I’m a gamer, always have been.

जन्माष्टमी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त किस राशि के लिए है विशेष

134

हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 11-12 अगस्त यानी दो दिन मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना ज्यादा उत्तम है। जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरुप की उपासना की जाती है। हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को ही श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

जन्माष्टमी के दिन लोग भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपवास रखने के साथ ही भजन-कीर्तन और विधि-विधान से पूजा करते हैं। लेकिन कृष्ण पूजन में मनचाहा वरदान और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखना जरुरी है।

पूजा का समय-

जन्माष्टमी के दिन कई लोग सुबह या शाम के वक्त पूजा करते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था, ऐसे में उस वक्त ही पूजा करना लाभकारी माना जाता है।

 साफ बर्तन-

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में साफ बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। ध्यान रहे कि वह बर्तन किसी भी मांसाहारी भोजन के लिए न इस्तेमाल किये गए हो।

जन्माष्टमी के दिन झांकी की दिशा का विशेष ध्यान रखें। दिशा की जानकारी के लिए आप विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।

भोग-

भगवान श्रीकृष्ण को जन्माष्टमी के दिन पंचामृत का भोग लगाना शुभ माना जाता है।

क्या न करें?

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को नई पोशाक जरुर पहनाएं। कई बार दुकानदार पुराने कपड़े नए के रुप में बेच देते हैं। ऐसे में खरीदारी के वक्त इसका ध्यान रखें।

शुभ मुहूर्त-

12 अगस्त को पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। पूजा की अवधि 43 मिनट तक रहेगी।

इस बार जन्माष्टमी का पर्व मेष और वृष राशि वालों के लिए है विशेष

जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म बहुत ही शुभ योग में हुआ था. शुभ नक्षत्र और ग्रहों की शुभ स्थिति के कारण ही भगवान श्रीकृष्ण की जन्म कुंडली में कई विशेष योग थे. जिसके चलते उन्होंने असुरों का संहार किया और पृथ्वी पर धर्म को स्थापित किया. इतना ही पूरी दुनिया को गीता का उपदेश दिया. भगवान श्रीकृष्ण का जीवन एक दर्शन है. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताई गईं शिक्षाओं पर जो व्यक्ति अमल करता है उसके जीवन में परेशानियां और संकट समाप्त हो जाते हैं.

जन्माष्टमी के दिन ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति मेष और वृष राशि वालों को विशेष फल प्रदान करने जा रही है. पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर अष्टमी तिथि का आरंभ 11 अगस्त को प्रात: 09 बजकर 06 मिनट से हो रहा है. अष्टमी तिथि का समापन 12 अगस्त को प्रात: 11 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है. इस दौरान चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे. 12 अगस्त को चंद्रमा प्रात: 7 बजकर 37 मिनट पर वृष राशि में आ जाएंगे. इस बार जन्माष्टमी का पर्व 11 और 12 अगस्त को मनाया जा रहा है. वहीं यदि रोहिणी नक्षत्र की बात करें जिसमें भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तो वह 13 अगस्त को प्रात: 03 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ हो रहा है और 14 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा.

मेष राशिफल: जन्माष्टमी के दिन मेष राशि वालों का मन प्रसन्न रहेगा. इस दिन आप ऊर्जा महसूस करेंगे. इस दिन सभी कार्यों को समय पर करेंगे. परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा. कोई शुभ समाचार प्राप्त होग. जॉब और बिजनेस में लाभ प्राप्त होगा. धन लाभ के साथ खर्च का भी योग बन रहा है.

मत्र: मेष राशि वाले इस दिन इस मंत्र का जाप करें-

कच्चित्तुलसि कल्याणि गोविन्दचरणप्रिये।
सह त्वालिकुलैर्बिभ्रद् दृष्टस्तेअतिप्रियोअच्युत:।।

वृष राशिफल: जन्माष्टमी का दिन आपके लिए बहुत ही शुभ है. इस दिन विधि पूर्वक सच्चे मन की पूजा करें. जॉब और बिजनेस में आने वाली हर प्रकार की समस्याएं दूर होगी. इस दिन बच्चों को उपहार दें. इस दिन आपको धन लाभ होगा. मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा. कोई मित्र आपके जीवन में नई रोशनी लेकर आ सकता है. सेहत प्रति सावधान रहें. क्रोध पर काबू रखें और सभी से विनम्रता से पेश आएं.

मंत्र: वृष राशि वाले इस मंत्र का पूजा के दौरान रात्रि में जाप करें-

ओम ऐं ह्रीं श्रीं नमो भगवते राधाप्रियाय राधारमणाय।
गोपीजनवल्लभाय ममाभीष्टं पूरय पूरय हुं फट् स्वाहा।।

0
0

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.