लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेती पकड़ी गई निशा रतले को न्यायलय ने 3 साल की सजा सुनाई

लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेती पकड़ी गई निशा रतले को न्यायलय ने 3 साल की सजा सुनाई

सागर। विशेष न्यायलय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर द्वारा महिला बाल विकास परियोजना बीना की तत्कालीन प्रभारी परियोजना अधिकारी निशा रतले को लोकायुक्त पुलिस द्वारा रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने तथा न्यायलय द्वारा दोषी पाये जाने पर 3 वर्ष के कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। न्यायलय द्वारा इस संबंध में गत 25 जुलाई को दंडादेश पारित किया गया। प्रकरण की विवेचना उप पुलिस अधीक्षक राजेश खेड़े और कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह द्वारा की गई थी। विगत 16 मार्च 2020 को आवेदक वीरेन्द्र सिंह पिता शिवराज सिंह निवासी ग्राम हॉसलखेड़ी पो. लायरा तह, बीना जिला सागर ने अनावेदिका निशा रतले प्रभारी परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास परियोजना बीना के विरुद्ध एक शिकायत पत्र रिश्वत मांग संबंधी प्रस्तुत किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि मेरी पत्नि रितु ठाकुर की नियुक्ति 06 जनवरी 2020 को आंगनवाडी केन्द्र हॉसलखेडी में आंगनवाडी कार्यकर्ता के पद पर हुई है। नियुक्ति के एवज में परियोजना अधिकारी बीना ग्रामीण निशा रतले द्वारा 20000 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है। मांगवार्ता के दौरान निशा रतले द्वारा 10000 रुपए की मांग की गई। ट्रेप की कार्यवाही कर 19 मार्च 2020 को आरोपिया निशा रतले को 10000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपिया निशा रतले के विरुद्ध अप. क्र. 64/2020 पंजीबद्ध किया गया। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना में संकलित अभिलेखीय/भौतिक एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर आरोपिया निशा रतले के विरूद्ध धारा 7.13 (1) बी 13(2) पीसी एक्ट 1988 का अपराध कारित किया जाना प्रमाणित पाया जाने से चालान 23 अगस्त 2022 को विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर में प्रस्तुत किया गया था।

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