छात्राओं को कृमि नाषक गोली खिलाकर किया
सागरः सी.एम.राइज एमएलबी स्कूल क्रं-1 सागर में आज जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जे.एस.धाकड़ एवं वाइस प्रिसिंपल डॉ.वंदना खरे द्वारा छात्राओं को कृमि नाषक गोली खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस षुभारंम किया। इस अवसर पर डॉ.रोहित पंत शहरी नोडल अधिकारी, संतोष पटेल, आर.के.जड़िया रत्ना चौकसे, माजिद, सुनील एवं शिक्षकगण एंव छात्राएं उपस्थित थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ममता तिमोरी ने कहा कि राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के अंतर्गत कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कृमि से मुक्ति दिलाना हैं ।
कृमि के लक्षण- कृमि मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्वों को खाते हैं ,गंभीर कृमि संक्रमण से कई लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे - दस्त,पेट मे दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना, हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, बच्चें में कृमि की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होगें ।
बचाव के तरीके - नाखुन छोटे व साफ रखें, खाने से पहले व शौच के बाद साबुन से हाथ धोते रहे,साफ पानी पीये,साफ घर रखे,खाने को ढक कर रखें,साफ पानी से फल व सब्जी धोयें, खुले में शौच ना करें,इसके नियंत्रण एवं निवारण के तहत 01 से 19 वर्ष के बच्चों में एनीमिया (खुन की कमी)का मुख्य कारण पेट में कृमि होना इसका असर बच्चों के स्वास्थ्य पर दुश्प्रभाव पड़ता हैं 1 से 19 वर्ष के बच्चों एलबेंडाजोल की गोली खाने के बाद खिलाई जावेगी ,1 से 6 साल के बच्चों एवं शाला त्यागी बच्चों को आगनबाडी केन्द्रों पर तथा 06 साल से 19 साल के आयुवर्ग के बच्चों को विद्यालय में आयुअनुसार गोली खिलाई जावेगी ,एलबैंडाजोल गोली - 1 से 2 साल के बच्चों को आधी गोली पीसकर साफ पानी से देना तथा 2 से 3 साल के बच्चों 01 गोली देना,3 साल से अधिक आयुवर्ग के बच्चों को 1 गोली चबाकर खान हैं इस गोली का कोई दुश्प्रभाव नहीं हैं । शेष छूटे हुये बच्चो को 15 सितम्बर को मापॅ-अप राउंड में गोली खिलाई जावेगी ।
आमजन से अपील हैं कि बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक,विकास में कमी न हो और बच्चें स्वस्थ रहे इसलिए कृमि नाषक गोली खिलाई जाती हैं अभिभावक अपने बच्चों को कृमि नाषक गोली आयु अनुसार अवष्य खिलाये अपने बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित करें ।
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