केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना से बुंदेलखंड में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुलेंगे: प्रधानमंत्री मोदी
सागर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड की धरती से एक ऐतिहासिक पहल करते हुए आज केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खोलेगी। इसके साथ ही उन्होंने देश की पहली फ्लोटिंग सोलर परियोजना का भी लोकार्पण किया, जो मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर में स्थापित होगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत बुंदेली बोली में करते हुए कहा, "वीरों की धरती बुंदेलखंड के सभी भाइयों और बहनों को राम-राम।" उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल बुंदेलखंड की पानी की समस्या का समाधान करेगी, बल्कि क्षेत्र के किसानों और जनता की जिंदगी को भी बेहतर बनाएगी।
अटल जी के सपने को साकार करता कदम
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान का परिणाम है। उन्होंने जल संरक्षण और जल प्रबंधन को 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने बुंदेलखंड के सूखे की समस्या को अनदेखा किया, लेकिन आज यह क्षेत्र विकास के पथ पर अग्रसर है।
उन्होंने कहा, "गुजरात में माँ नर्मदा के जल ने जो बदलाव किया, वही बदलाव अब बुंदेलखंड में केन और बेतवा नदियों के जल से होगा।" यह परियोजना बुंदेलखंड की 11 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करेगी और 62 लाख से अधिक लोगों को पेयजल की सुविधा प्रदान करेगी।
बुंदेलखंड: विकास की नई गाथा लिखने को तैयार
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने नदियों को जोड़ने का अभियान शुरू किया। उन्होंने इसे विकसित मध्यप्रदेश और विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी आधुनिक युग के भगीरथ हैं, जिन्होंने अपने प्रयासों से बुंदेलखंड को सूखा मुक्त करने का सपना साकार किया है।" उन्होंने बताया कि हाल ही में शुरू की गई पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना भी प्रदेश के लिए ऐतिहासिक है।
ओंकारेश्वर सोलर परियोजना: ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति
प्रधानमंत्री ने देश की पहली फ्लोटिंग सोलर परियोजना का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह परियोजना सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी। इससे बिजली उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नवाचारी दृष्टिकोण का परिणाम है, जिससे मध्यप्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होगा।
मध्यप्रदेश: विश्व का प्रमुख पर्यटन केंद्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश अब दुनिया के टॉप-10 टूरिज्म डेस्टिनेशन में से एक है। खजुराहो, सांची, ओरछा, मांडू जैसे स्थलों को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि G-20 की खजुराहो बैठक ने मध्यप्रदेश टूरिज्म को बढ़ावा दिया है।
सुशासन और तकनीक से जन-जन तक विकास
प्रधानमंत्री ने कहा कि "सुशासन का अर्थ है कि जनता को अपने अधिकारों के लिए हाथ न फैलाना पड़े।" उन्होंने जन-धन, आधार और मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी का जिक्र करते हुए कहा कि योजनाओं का लाभ अब सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंच रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले 5 वर्षों में ढाई लाख सरकारी पदों पर भर्तियां करेगी और नई शिक्षा नीति के तहत 55 जिलों में पीएमश्री एक्सीलेंस कॉलेज खोले जाएंगे।
जनता का उत्साह और प्रधानमंत्री का स्वागत
कार्यक्रम स्थल पर प्रधानमंत्री का स्वागत बुंदेली लोकनृत्य और कलश यात्रा के साथ किया गया। उन्होंने स्व. अटल जी को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि "आज पूरा विश्व क्रिसमस का जश्न मना रहा है। मैं सभी ईसाई भाइयों और बहनों को शुभकामनाएं देता हूं।"
कार्यक्रम की मुख्य झलकियां
1. प्रधानमंत्री ने केन और बेतवा नदियों के जल को प्रतीकात्मक रूप से जोड़ते हुए परियोजना का शिलान्यास किया।
2. ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना का लोकार्पण किया।
3. 1153 अटल ग्राम सेवा सदनों का भूमि-पूजन।
4. राज्य सरकार की योजनाओं और परियोजनाओं की प्रदर्शनी का अवलोकन।
5. स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी।
बुंदेलखंड के लिए ऐतिहासिक दिन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह दिन बुंदेलखंड के लिए ऐतिहासिक है। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से क्षेत्र की दशा और दिशा दोनों बदलेंगी। उन्होंने इसे विकसित भारत की दिशा में एक अहम कदम बताया।
प्रधानमंत्री मोदी की इस ऐतिहासिक पहल ने बुंदेलखंड को विकास की एक नई उम्मीद दी है।
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