निलंबित पटवारियों को बहाल करने की मांग को लेकर पटवारियों ने किया प्रदर्शन

निलंबित पटवारियों को बहाल करने की मांग को लेकर पटवारियों ने किया प्रदर्शन 
जबलपुर। पंजीयन के सत्यापन में बरती गई लापरवाही को लेकर जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने गुरुवार को तत्कालीन एसडीएम और मझौली के प्रभारी तहसीलदार सहित दो पटवारियों को निलंबित कर दिया। कलेक्टर की इस कार्रवाई को लेकर सैकड़ों पटवारियों ने आज कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और कलेक्टर से मिलकर पटवारियों पर हुई कार्रवाई को गलत बताया। करीब आधे घंटे तक कलेक्टर ने पटवारियों की बात सुनी और आश्वासन दिया कि इसकी जांच करवा ली जाएगी।

धान फर्जीवाड़े को लेकर जबलपुर कलेक्टर ने तत्कालीन एसडीएम धीरेंद्र सिंह एवं मझौली के प्रभारी तहसीलदार आदित्य जंघेला को आरोप पत्र दिया है, साथ ही दो पटवारी राहुल पटेल और अभिषेक विश्वकर्मा को निलंबित कर दिया। कलेक्टर की कार्रवाई को लेकर पटवारियों का कहना है कि धान खरीदी मैं राजस्व विभाग के कर्मचारियों का सीधा कहीं कोई दखल नहीं होता किसान अपनी उपज का रजिस्ट्रेशन सहकारी समितियां में करवाता है, इन सहकारी समितियां के कंप्यूटर ऑपरेटर और पंजीयन किसान की फसल का रजिस्ट्रेशन करते हैं, और यहीं पर किसान जमीनों के सिकमी नामे को जमा करता है । किसानों के जो भी रजिस्ट्रेशन किए जाते हैं, उनके माध्यम से वेरीफाई कर दिया जाता है। इसमें केवल 10% केस ही भौतिक रूप से सत्यापन के लिए आते हैं, जिन्हें पटवारी को सत्यापित करना होता है। जबलपुर में धान खरीदी में जो घोटाला हुआ उसमें कुछ स्थानों पर 35% जमीन सिकमी नाम के माध्यम से रजिस्ट्रेशन में दर्शाई गई है, मतलब इस जमीन पर जमीन का मालिक खेती नहीं कर रहा है, बल्कि उसने किसी को किराए से दी है और इसी किराए की जमीन की उपज लेकर किसान खरीदी केंद्र में गया। लगभग 50 हजार क्विंटल धान उन खरीदी केंद्रों पर पहुंची है, जिन खरीदी केंद्र को सरकार ने खरीदी करने की अनुमति नहीं दी थी। यही धान अब खरीदी केंद्र के बाहर लावारिस ढंग से पड़ी हुई है इसमें कई किसान भी फंस गए हैं।

पटवारी संघ के अध्यक्ष जागेश्वर पीपरे का कहना है कि कलेक्टर से मुलाकात कर उन्होंने कहा कि ये गलती पटवारियों की नहीं बल्कि व्यवस्था की लापरवाही है। उन्होंने बताया कि जब तक सिकमीनामे की हार्ड कापी नहीं मिलेगी तब तक हम कैसे मालूम होगा। तहसील कार्यालय में सिकमी नामे की एक कॉपी होना चाहिए था, पर जब से सिकमी नामा अधिनियम बना है तब से लेकर आज तक एक कॉपी भी नहीं है। पटवारियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हम लगे हुए थे, इसके बाद भी हमने कार्रवाई गलत नहीं है।

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने मामले पर कहा कि पटवारियों ने मुझसे मुलाकात कर बताया कि चुनाव ड्यूटी के कारण कुछ काम छूट गया था, वहीं यह भी देखा गया है कि पटवारियों को जानकारी देने में भी कुछ गलती हुई है। पटवारियों ने अपनी कुछ मजबूरियां भी बताई है, जिसको देखा जा रहा है। निलंबन को लेकर कलेक्टर ने कहा कि पटवारियों की लापरवाही ये है कि उन्हें जिस सिकमी नामे का वेरिफिकेशन नहीं करना था, उसका भी करके पास कर दिया गया है।

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