बिजली पेंशनरों की समस्याओं को लेकर यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज़ एवं इंजीनियर्स सक्रिय:
प्रदेश व्यापी संपर्क अभियान जारी
सागर, 24 जुलाई, मध्य प्रदेश शासन द्वारा 2005 में राज्य विद्युत मण्डल के उत्पादन, पारेषण और वितरण कंपनियों में कंपनीकरण के बाद से कर्मचारियों की पेंशन भुगतान की समुचित और सुनिश्चित व्यवस्था नहीं हो सकी है । इसे लेकर बिजली पेंशनर्स लम्बे समय से विचलित हैं । वहीं अब करीब 15 हजार सेवारत बिजली अधिकारी कर्मचारी जिनकी सेवा शर्तों में पुरानी पेंशन की पात्रता जुडी हुई है, भी अब अपनी पेंशन भविष्य को लेकर चिंतित हो रहे हैं । विगत वर्ष सितम्बर माह में बिजली पेंशनरों की पेंशन का भुगतान में फंड के अभाव के कारण बताये गए विलंब से यह समस्या उजागर हो गई ।
नरसिंहपुर रोड मकरोनिया स्थित विद्युत मण्डल परिसर के सभागार में बिजली पेंशनरों की यूनाइटेड फोरम फॉर पॉवर एम्पलाइज़ एवं इंजीनियर्स प्रदेश की इसी विषय पर केन्द्रित विशेष बैठक आयोजित हुई । बैठक में आमंत्रित यूनाइटेड फोरम के प्रांतीय संयोजक इंजी. व्ही.के.एस.परिहार ने विस्तृत चर्चा करते हुए,मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित किया ।
विद्युत अधिनियम 2003 के स्पष्ट प्रावधानों के बावजूद सेवा निवृत्त होने वाले पुरानी पेंशन सुविधाओं के पात्र बिजली अधिकारियों--कर्मचारियों की पेंशन प्रसुविधाओं, सेवांत लाभों को काम चलाऊ व्यवस्था के तहत चलाया जा रहा है । स्पष्ट नियमों में बिजली पेंशनरों की निर्बाध पेंशन व्यवस्था जारी रखने के लिए बनाए गए टर्मिनल बेनेफिट ट्रस्ट में आवश्यक लगभग 50 हजार करोड़ के प्रावधानित फण्ड की जगह बहुत कम नाम मात्र अपर्याप्त निधि रखी गई है । इस संबंध में बिजली कर्मचारी संगठनों के द्वारा विभिन्न स्तरों पर अपनी मांगें रखने और न्यायालयीन प्रकरणों के बाद भी संतोषजनक समाधान नहीं दिया गया है । राज्य के बिजली पेंशनरों को पेंशन के साथ देय महंगाई राहत का प्रचलित दर से भुगतान में विलंब तो स्थाई अनिराकृत समस्या है । श्री परिहार इन सभी विषयों को लेकर सारे प्रदेश में सतत दौरे कर बिजली पेंशनरों और सेवारत अधिकारियों-कर्मचारियों से विमर्श कर रहे हैं । समस्याओं से निपटने पेंशनर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर प्रदेश व्यापी कार्य योजना की तैयारी में जुटे हुए हैं ।
श्री परिहार का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बिजली पेंशनरों की पेंशन की गारंटी के लिए राज्य कोषालयों से पेंशन भुगतान की व्यवस्था लागू हो चुकी है । मध्य प्रदेश में भी यही व्यवस्था लागू करने में राज्य शासन पर कोई अलग व्यय भार नहीं आने वाला है । टैरिफ प्रावधानों के अंतर्गत आने वाली राशियाँ बिजली कंपनियों से लेकर राज्य कोष में जमा कराने का फंड प्रबंधन मात्र कराया जाना है ।
सायंकाल के लगातार दो धण्टे चली बैठक में जुड़े हुए सभी विषयों पर गहन विचार विमर्श हुआ है । जिसमें बिजली पेंशनरों के साथ पहली बार सेवारत अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी बड़ी संख्या में सक्रिय हिस्सा लिया ।
बैठक में सेवारत अधिकारियों में मुख्य अभियन्ता के.एल.वर्मा, अधीक्षण अभियन्ता डी.एन.चौकीकर, कार्यपालन अभियन्ता मधुकर स्वर्णकार, सहायक अभियन्ता आर.के.अरजरिया, बी.पी.सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही । इन सभी कार्यरत अधिकारियों ने भी पेंशन के विषय में अपनी चिन्तायें जाहिर करते हुए, इसके समाधान में हर संभव संकल्प बद्ध सहभागिता का आश्वासन मंच से दिया । बड़ी संख्या में उपस्थित बिजली पेंशनरों का साथ सेवा रत कर्मचारियों में सर्व श्री पवन रावत, राम विवेक गौतम, राजीव कान्त श्रीवास्तव, आनंद जैन, श्रीमती संगीता जैन, श्रीमती अर्चना गुप्ता, श्रीमती शारदा राजपूत आदि उपस्थित रहे । बिजली पेंशनर्स एसोसिएशन,सागर के अध्यक्ष ए.के.पाण्डेय,संरक्षक सी.एल.स्वर्णकार,सचिव के.एल.कटारिया, कार्यवाहक अध्यक्ष के.सी.जैन,एस.के.दुबे,आर. आर. पराशर,रामलखन श्रीवास्तव, ने भी बैठक में अपने विचार रखे और समस्या के समाधान के लिए एकजुट प्रयास करने पर बल दिया । विशिष्ट अतिथियों के सम्मान के साथ आरम्भ हुई बैठक का सञ्चालन अरविन्द जैन ने किया और सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया ।
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