कलेक्टर दीपक आर्य ने कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र परभनी जिले में फसें 19 आदिवासी मजदूरों को मुक्त कराया

कलेक्टर दीपक आर्य ने कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र परभनी जिले में फसें 19 आदिवासी मजदूरों को मुक्त कराया
सभी को पहुंचाया गया सकुशल गृह ग्राम

सागर। कलेक्टर दीपक आर्य ने शिकायत प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र में फसे शाहगढ़ विकासखंड के ग्राम पापेट के 19 आदिवासी मजदूरों को मुक्त कराया है।
कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने बताया कि, शाहगढ़ के ग्राम पापेट के श्री अनरत आदिवासी एवं श्री लक्ष्मण आदिवासी द्वारा शिकायत की गई थी कि मेरे परिवार के सदस्यों को महाराष्ट्र के परभनी जिले के कुछ लोग गन्ना मजदूरी करने के लिए ले गए और हमसे कहा गया था कि उन्हें गन्ना मजदूरी के बदले अच्छी मजदूरी (रुपये) प्रदान की जाएगी। पापेट निवासी श्री अनरत आदिवासी एवं लक्ष्मण आदिवासी ने  शिकायत में बताया कि हमारे परिवार के सदस्यों को अच्छी मजदूरी के बहाने गन्ना कटाई के लिए पुरुषों और महिलाओं को 600 रूपये प्रति टन के हिसाब से देने एवं रहने की उचित व्यवस्था देने और कच्चा राशन उपलब्ध करने की बात कह कर दो लोडिंग पिकअप गाड़ी से गाँव पापेट, तहसील शाहगढ़, जिला सागर से दो दिन की यात्रा करने के बाद परभनी महाराष्ट्र राज्य पहुंचे। ठेकेदार द्वारा ग्राम मोगरा गन्ना खेत पर झोपड़ी बना कर रहने को कहा गया और खेत पर गन्ना कटाई का काम शुरू कराया गया। ठेकेदार से राशन के लिए पैसे मांगे गए तो ठेकेदार ने अपनी दुकान से 4-5 दिन का राशन लेकर दिया। और सुबह 7 बजे से शाम 6- 7 बजे तक 11-12 घंटे काम कराया जाने लगा, एक माह बाद ठेकेदार से पैसे मांगने पर अगले माह देने को कहा गया और 2 माह होने पर मजदूरी के पैसे कि मांग की गई उस के बाद से गोविन्द्र बंजारा पता नहीं कहा चले गए। मालिक से मजदूरी के पैसे की मांग की गई तो मालिक द्वारा अपशब्द बोले गए और जान से मारने की धमकी दी गई। एक दो महिला साथी मजदूरों के साथ मारपीट भी की उन्होंने बताया कि उनसे जबरदस्ती देर रात तक काम कराया जा रहा है। और जैसा बोलकर लाया गया था कि प्रतिदिन पुरषों और महिलाओं को 600 रूपये की मजदूरी दी जाएगी, वह न देकर ठेकेदार ने कहा कि 300 रुपये प्रति टन के हिसाब से पैसे दिए  जाएंगे। राशन के लिए भी पैसे नहीं दिए जा रहे हैं।
कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि जब शिकायतकर्ता द्वारा इस प्रकार की घटना बताई गई तब तत्काल कार्रवाई करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती जूही गर्ग को महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क करने के लिए कहा गया एवं लगातार मानीटिरिंग करने एवं उन मजदूरों को सागर वापस लाने के लिए प्रयास किए गए। सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती जूही गर्ग ने बताया कि, कलेक्टर श्री दीपक आर्य के निर्देश के पश्चात करवाई की गई एवं सागर एवं महाराष्ट्र में जन साहस एवं विकास मंडल संस्था की सदस्यों का भी सहयोग लिया गया।
उन्होंने बताया कि सभी 19 आदिवासी मजदूर भाई-बहन सकुशल सागर आए।  गर्ग ने बताया कि सागर पहुंचने पर कलेक्टर कार्यालय में प्रभारी कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने उनको टीका तिलक किया गया एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। उन्होंने बताया कि सभी को विशेष वाहन से उनके गृह ग्राम तक पहुंचाया गया है शेष कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि जो 19 आदिवासी बंधक मुक्त हुए हैं उनमें महाराष्ट्र जिला परभनी में फंसे मजदूरों के में क्रेश पिता नन्हे लाल, हल्लू आदिवासी, रानी आदिवासी, कल्लो, मल्ला, बाबू, चतुर आदिवासी, यसोदा पति चतुर, राधिका पिता चतुर, दिव्यंसी पिता चतुर, शिवाजी पिता चतुर, दीपेश, कल्याण, प्रेमबाई पति कल्याण, शक्तिमान पिता कल्याण, गीता पिता कल्याण ,प्रकास पिता कल्याण, जनकरानी आदिवासी,राम मिलन उर्फ़ रामू सभी निवासी पापेट,शाहगढ़ जिला सागर है। प्रभारी कलेक्टर श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने सभी जिले वासियों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति बहकावे में न आए और किसी के कहने पर अपना ग्रह जिला ना छोड़े उन्होंने कहा है कि इस प्रकार कोई भी बाहरी व्यक्ति किसी भी प्रलोभन  देते हैं तो इसकी सूचना संबंधित थाने में देकर ही अपना ग्रह जिला छोड़ें

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