युवक ने नाइट्रोजन गैस से को आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा इस तरीके को यूट्यूब से सीखा था

युवक ने नाइट्रोजन गैस से को आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा इस तरीके को यूट्यूब से सीखा था 
भोपाल। भोपाल में एक युवक ने नाइट्रोजन गैस से सुसाइड कर लिया। उसके चेहरे पर एक पॉलीथिन बंधी थी। साथ ही मुंह में नाइट्रोजन गैस के सिलेंडर से जुड़ा एक पाइप लगा था। ऐसी आशंका है कि युवक ने सुसाइड के लिए पहले पॉलीथिन अपने मुंह पर बांध होगी। इसके बाद सिलेंडर की ट्यूब मुंह में दबा ली और फिर गैस चालू कर दी।

मामला भोपाल के जाटखेड़ी इलाके के निरूपम रॉयल कैंपस का है। यहां मंगलवार रात को मृतक के दोस्त की सूचना पर पहुंची पुलिस को शव फर्श पर पड़ा मिला। वह दो दिन से कमरे से बाहर नहीं निकला था।

गर्लफ्रेंड के साथ रह रहा था युवक

युवक का नाम सिद्धार्थ खुराना (32) है, जो मूलतः लखनऊ का रहने वाला था। वह किराये के मकान में गर्लफ्रेंड के साथ रहता था। 10-12 दिन पहले वह अपने घर चली गई, तब से युवक अकेला था। वह पहले ट्रांसपोर्ट का काम करता था। एएसआई निर्मल विश्वकर्मा ने बताया कि सिद्धार्थ आईटी प्रोफेशनल था। नवंबर तक वह आईटी कंपनी जावा में काम करता था। इसके बाद से वर्क फ्रॉम होम पर था। पुलिस सिद्धार्थ की गर्लफ्रेंड का पता लगाने की कोशिश में भी जुटी है।
यू-ट्यूब पर सीखा सुसाइड का तरीका

पुलिस ने मौके से 4 पन्ने का अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें उसने लिखा है कि वह अपने जीवन में बहुत कुछ करना चाहता था, लेकिन कुछ भी नहीं कर पाया। हर तरफ से नाकामी हाथ लगी है। ऐसी जिंदगी से थक चुका हूं। इस वजह से अपने जीवन को खत्म कर रहा हूं।

उसने यह भी लिखा- 'सुसाइड के इस तरीके को यू-ट्यूब से सीखा है। मौत का सबसे आसान तरीका यही दिखाई दिया। ऐसे इस तरीके से जान देना बेहतर लग रहा है।' उसने यह भी लिखा कि जो कुछ भी करना चाहा कभी नहीं कर सका।

नाइट्रोजन से 40 सेकेंड में मौत का तरीका चुना

निर्मल विश्वकर्मा ने बताया कि सुसाइड नोट में आत्महत्या के तरीके के फॉर्मूले और फंक्शन की विस्तृत जानकारी लिखी गई है। उसने सुसाइड के 3 तरीके सर्च किए थे, जिसमें नाइट्रोजन से 40 सेकेंड में मौत का तरीका उसे सबसे आसान लगा। अन्य तरीकों में फांसी से मौत और उसमें लगने वाला समय भी उसने सर्च किया। इसके बाद उसने यह भी पता किया कि मौत के बाद बॉडी पर क्या इफेक्ट पड़ेगा। इसके अलावा पॉइजन से सुसाइड का तरीका भी उसने सर्च किया था। 
सुसाइड नोट जांच के लिए हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के पास भेज दिया है। उसके दोस्त का कहना है कि कुछ माह से वह डिप्रेशन में था। कमरे से मनोचिकित्सक का प्रिस्क्रिप्शन मिला है। घर से कुछ दवाएं भी मिली हैं। दवा के पर्चे के आधार पर पता लगाया जा रहा है कि वह किस बीमारी का इलाज चल रहा था।

पिता बोले- विशेष बीमारी से पीड़ित था बेटा

सिद्धार्थ के पिता ने पुलिस को बताया कि बेटे की रीड की हड्डी और पीठ में दर्द रहता था। वह एक विशेष बीमारी से पीड़ित था। इस कारण डिप्रेशन में भी आ चुका था। सिद्धार्थ के पिता की लखनऊ में जनरल स्टोर की दुकान है। सिद्धार्थ लखनऊ की महानगर कॉलोनी का रहने वाला था।

2 दिन तक नहीं दिखा तो दोस्त ने दी सूचना

सिद्धार्थ के साथ केदार कदम नाम का युवक भी पहले ट्रांसपोर्ट का काम करता था। केदार भी इसी कैंपस में रहता है। दो दिन तक केदार को सिद्धार्थ नहीं दिखा। न ही फोन पर बात हुई तो मंगलवार शाम वह उससे मिलने पहुंचा। कमरा अंदर से बंद था। दरवाजा खटखटाया, लेकिन सिद्धार्थ की आवाज अंदर से नहीं आई। अनहोनी की आशंका के चलते उसने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस मौके पर पहुंची ने धक्का मारकर दरवाजा खोला। अंदर सिद्धार्थ की लाश पड़ी थी। उसके मुंह पर पॉलीथीन बंधी हुई थी। मुंह में एक ट्यूब लगी हुई थी। पास में ही नाइट्रोजन का सिलेंडर पड़ा हुआ था। आशंका है कि उसकी मौत दो दिन पहले ही हो चुकी थी। पुलिस ने मर्ग कायम करने के बाद जांच शुरू कर दी है।

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