सागर। चनौआ गांव में खुले में मांस बिक्री करते हुए पाए जाने पर 3 दुकानदारों पर एक-एक हजार रुपए की पंचायती चालानी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में तहसीलदार ऋषि गौतम एवं थाना प्रभारी श्री रजनीकांत दुबे ने चनौआ गांव पहुंचकर खुले में लगी मांस की दुकान बंद करवाई और दुकानदारों पर पंचायत द्वारा चालानी कार्रवाई की और निर्देशित भी किया कि सार्वजनिक स्थान पर दुकान न लगे। उन्हें ग्राम के बाहर चिन्हित स्थान बताया गया। तहसीलदार श्री गौतम ने बताया कि इसके पश्चात गांव के लगभग सौ पशुपालकों को बुलाया गया और समझाइश दी कि सड़कों पर गौवंश को न छोड़े। गौवंश को घरों में बांधे। बारिश का दौर शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में रात के अंधेरे में वाहन चालकों को नहीं दिखाई देते। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
सागर जिले के चनौआ गांव में खुले में मांस बिक्री पर 3 दुकानदारों पर कार्यवाही की
चनौआ गांव में खुले में मांस बिक्री पर 3 दुकानदारों पर कार्यवाही की
सागर। चनौआ गांव में खुले में मांस बिक्री करते हुए पाए जाने पर 3 दुकानदारों पर एक-एक हजार रुपए की पंचायती चालानी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में तहसीलदार ऋषि गौतम एवं थाना प्रभारी श्री रजनीकांत दुबे ने चनौआ गांव पहुंचकर खुले में लगी मांस की दुकान बंद करवाई और दुकानदारों पर पंचायत द्वारा चालानी कार्रवाई की और निर्देशित भी किया कि सार्वजनिक स्थान पर दुकान न लगे। उन्हें ग्राम के बाहर चिन्हित स्थान बताया गया। तहसीलदार श्री गौतम ने बताया कि इसके पश्चात गांव के लगभग सौ पशुपालकों को बुलाया गया और समझाइश दी कि सड़कों पर गौवंश को न छोड़े। गौवंश को घरों में बांधे। बारिश का दौर शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में रात के अंधेरे में वाहन चालकों को नहीं दिखाई देते। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
सागर। चनौआ गांव में खुले में मांस बिक्री करते हुए पाए जाने पर 3 दुकानदारों पर एक-एक हजार रुपए की पंचायती चालानी कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में तहसीलदार ऋषि गौतम एवं थाना प्रभारी श्री रजनीकांत दुबे ने चनौआ गांव पहुंचकर खुले में लगी मांस की दुकान बंद करवाई और दुकानदारों पर पंचायत द्वारा चालानी कार्रवाई की और निर्देशित भी किया कि सार्वजनिक स्थान पर दुकान न लगे। उन्हें ग्राम के बाहर चिन्हित स्थान बताया गया। तहसीलदार श्री गौतम ने बताया कि इसके पश्चात गांव के लगभग सौ पशुपालकों को बुलाया गया और समझाइश दी कि सड़कों पर गौवंश को न छोड़े। गौवंश को घरों में बांधे। बारिश का दौर शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्रों में रात के अंधेरे में वाहन चालकों को नहीं दिखाई देते। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं।
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