छात्र/छात्राओं के आवागमन के साधानों / स्कूल बसों एवं वाहन चालकों के पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य

छात्र/छात्राओं के आवागमन के साधानों / स्कूल बसों एवं वाहन चालकों के पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य

सागर। कलेक्टर  दीपक आर्य के आदेशानुसार संस्था में अध्ययनरत् छात्र/छात्राओं की समग्रसुरक्षा के दृष्टिगत छात्र/छात्राओं के आवागमन के साधानों / स्कूल बसों एवं वाहन चालकों के पुलिस वेरीफिकेशन (चरित्र सत्यापन) कराना अनिवार्य है। नये शैक्षणिक सत्र 2024-25 प्रारंभ हो चुके है। स्कूल एवं कोचिंग में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के आवागमन को दुर्घटना रहित एवं सुरक्षित बनाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिसमें

स्कूल बसों का क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के द्वारा फिटनेस सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है एवं परिवहन नियमों / मापदण्डों का पालन किया जाना चाहिए।  सभी स्कूल बसों का पीला रंग हो तथा बसों पर स्कूल का नाम स्पष्ट लिखा हो। वाहन में बस में आपातकालीन द्वार हो एवं वाहन में भरोसेमंद लॉक हो।

बस में प्रेशर हॉर्न या मल्टीटोन हॉर्न न हो किन्तु अलार्म होना जरूरी है। बसों के ड्राइवर एवं अटेंडर का पुलिस वेरिफिकेशन कराकर उनके दस्तावेजों का संधारण करना स्कूल की जिम्मेदारी होगी, जिसे समय-समय पर संबंधित थाना पुलिस को उपलब्ध कराया जावे।  स्कूल बस वाहन चालक का पूर्व में किसी प्रकार का आपराधिक रिकार्ड न रहा हो तथा उस ने पूर्व में किसी प्रकार से भी यातायात नियमों का उल्लंघन न किया हो, उक्त मापदंडों की पूर्ति करने पर ही स्कूल बसों के संचालन हेतु वाहन चालक नियुक्ति की जावें।  सप्ताह में दो बार स्कूल द्वारा बस प्राइवेट वेन मैजिक एवं अन्य वाहन जो बच्चों को स्कूल आवागमन में उपयोग होते है, उनकी जांच सुनिश्चित हो।

बसों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे दो दरवाजें स्पीड गवर्नर एवं फर्स्ट एण्ड किट, (जो कि एक्सपायर्ड न हो) अग्निशामक यंत्र होना अनिवार्य रूप से होना चाहिए बच्चों को स्कूल आने-जाने हेतु आवागमन के सभी वाहनों का संचालन अवैध रूप से लगी हुई गैसकिट से न हो यह सुनिश्चित किया जावे। बच्चों को स्कूल आने-जाने हेतु सभी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे न बैठे हो, यह सुनिश्चित किया जाये। यह भी सुनिश्चित हो कि स्कूलों के सामने जेबरा क्रॉसिंग, स्पीड ब्रेकर, एवं साइन बोर्ड आदि लगे हो तथा ट्रेफिक व्यवस्था व नियमों का पालन हो रहा हो। प्राथमिक उपचार हेतु फस्ट एड बॉक्स होना अनिवार्य है एवं बच्चों को बैग रखने के लिए रेक आदि की व्यवस्था हो।बच्चों के बस से उतरते चढ़ते समय चेतावनी वाली पार्किंग लाइट कियाशील होना चाहिए। स्कूल बस की गति 40 प्रति किमी प्रति घंटा से अधिक न हो।

 उक्त संबंध में सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी एवं बाल संरक्षण आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए बिना पुलिस वैरीफिकेशन के स्कूल बसों के संचालन हेतु वाहन चालकों की नियुक्ति के संबंध में जारी निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें। तत्संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्पूर्ण जबावदेही स्कूल प्रबंधन की होगी।

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