एनकॉर्ड समिति की बैठक संपन्न : मादक पदार्थों की अवैध खेती पर नजर रखने के निर्देश
स्कूल ,कॉलेज के आस पास होगी पुलिस की विशेष पेट्रोलिंगसागर। नारकोटिक्स और अन्य नशीली दावों की रोकथाम एवं बेहतर समन्वय के लिए शासन द्वारा गठित जिला स्तरीय एनकॉर्ड ( Narco Coordination Centre & NCORD ) समिति की बैठक कलेक्टर दीपक आर्य की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी एवं प्रवृत्तियों के बारे में समय पर सूचना के आदान-प्रदान, जिले में अफीम, भांग आदि मादक पदार्थों की फसल की अवैध खेती की निगरानी और रोकथाम के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि जिले में मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक विकास कार्यक्रम लागू करें मादक पदार्थों का पता लगाने के लिए उपकरणों की आवश्यकताओं का आंकलन कर लें तथा इसकी व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों का समय-समय पर पर्यवेक्षण करते रहें।
उन्होंने कहा कि स्कूल कॉलेजे के आसपास पुलिस की पेट्रोलिंग होती रहे। विशेष रूप से स्कूल खोलने तथा बंद होने के समय पेट्रोलिंग अवश्य की जाए उन्होंने निर्देश दिए के गुटका, पान दुकान के आसपास सामाजिक तत्वों का जमावड़ा ना रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। इसी प्रकार दवा दुकानों में लाइसेंस होल्डर ही दुकान पर उपस्थित हो। ऐसी दुकानें जहां कुछ विशेष दवाइयों की बिक्री ज्यादा है वहां कैमरा इंस्टॉल कर निगरानी रखी जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उईके ने कहा कि ऐसे प्रकरण जो क्रॉस स्टेट संबंधी हों उनकी जांच की प्रगति की निगरानी करें। साथ ही स्कूल कॉलेज आदि में नशीली दावों के दुरुपयोग विरोधी जागरूकता को बढ़ावा दें। एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों तथा दवाओं के हानिकारक प्रभावों , मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। उईके ने कहा कि निरीक्षण के दौरान संबंधित थाना क्षेत्र की टीम भी मौजूद रहे। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविन्द जैन, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग श्री डी एस यादव, कृषि विभाग, औषधि निरीक्षक तथा अन्य संबंधित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी एवं प्रवृत्तियों के बारे में समय पर सूचना के आदान-प्रदान, जिले में अफीम, भांग आदि मादक पदार्थों की फसल की अवैध खेती की निगरानी और रोकथाम के निर्देश दिए गए।
कलेक्टर दीपक आर्य ने कहा कि जिले में मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक विकास कार्यक्रम लागू करें मादक पदार्थों का पता लगाने के लिए उपकरणों की आवश्यकताओं का आंकलन कर लें तथा इसकी व्यवस्था के लिए आवश्यक कदम उठाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों का समय-समय पर पर्यवेक्षण करते रहें।
उन्होंने कहा कि स्कूल कॉलेजे के आसपास पुलिस की पेट्रोलिंग होती रहे। विशेष रूप से स्कूल खोलने तथा बंद होने के समय पेट्रोलिंग अवश्य की जाए उन्होंने निर्देश दिए के गुटका, पान दुकान के आसपास सामाजिक तत्वों का जमावड़ा ना रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। इसी प्रकार दवा दुकानों में लाइसेंस होल्डर ही दुकान पर उपस्थित हो। ऐसी दुकानें जहां कुछ विशेष दवाइयों की बिक्री ज्यादा है वहां कैमरा इंस्टॉल कर निगरानी रखी जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव उईके ने कहा कि ऐसे प्रकरण जो क्रॉस स्टेट संबंधी हों उनकी जांच की प्रगति की निगरानी करें। साथ ही स्कूल कॉलेज आदि में नशीली दावों के दुरुपयोग विरोधी जागरूकता को बढ़ावा दें। एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों तथा दवाओं के हानिकारक प्रभावों , मादक फसलों की अवैध खेती से प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें। उईके ने कहा कि निरीक्षण के दौरान संबंधित थाना क्षेत्र की टीम भी मौजूद रहे। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ममता तिमोरे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविन्द जैन, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग श्री डी एस यादव, कृषि विभाग, औषधि निरीक्षक तथा अन्य संबंधित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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