छात्राओं ने सीपीआर देकर बचाई शिक्षक की जान, सही शिक्षा और प्रशिक्षण से आपातकालीन परिस्थितियों में जीवन बचाया
सागर। सही शिक्षा और प्रशिक्षण से व्यक्ति आपातकालीन परिस्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया दे सकता है और स्वयं के साथ साथ दूसरों के जीवन की रक्षा कर सकता है। आपदा प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक कौशल से युक्त व्यक्ति किस प्रकार आवश्यकता पड़ने पर जीवन रक्षा कर सकता है उसकी एक झलक हाल ही में जिले के केसली विकासखंड के ग्राम जमुनिया चिखली में देखने को मिली जहां स्कूल की दो छात्राओं ने आपात स्थिति में शिक्षक को सीपीआर देकर उनकी जीवन रक्षा की।
बता दें कि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमुनिया चिखली की छात्राओं निशिका यादव और प्रतीक्षा विश्वकर्मा ने अपनी सूझबूझ और साहस का परिचय देते हुए प्राथमिक शिक्षक श्री महिपाल ठाकुर की जान बचाई।
शिक्षक श्री महिपाल ठाकुर से बात करने पर उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर प्रभात फेरी के कार्यक्रम के पश्चात् उन्हें विद्यालय में ही हार्ट अटैक आ गया। इस कठिन समय में दोनों छात्राओं ने त्वरित निर्णय लेते हुए सीपीआर दिया।
छात्राओं ने बताया कि जब उन्होंने शिक्षक को देखा, तो उनकी नाड़ी नहीं चल रही थी और वे सांस भी नहीं ले पा रहे थे। ऐसे में उन्होंने तुरंत सीपीआर देना शुरू किया, जिससे शिक्षक की सांस पुनः चलने लगी। जब तक एंबुलेंस पहुंची, तब तक शिक्षक को स्थिर स्थिति में रखा गया और बाद में उन्हें देवरी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उचित उपचार किया गया।
यह उल्लेखनीय है कि दोनों छात्राएं व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत अध्ययनरत हैं। कुछ समय पूर्व ही वरिष्ठ डॉक्टर डॉ. राहुल बारोलिया, डॉ. रूपेश ठाकुर और गोविंद बर्दिया द्वारा छात्राओं को सीपीआर संबंधी प्रशिक्षण दिया गया था। इसी प्रशिक्षण का लाभ यह हुआ कि छात्राएं सही समय पर सीपीआर देकर शिक्षक की जान बचाने में सफल रहीं। इस सराहनीय कार्य के लिए शाला के प्राचार्य श्री भरत सिंह परिहार सहित सभी ने छात्राओं की प्रशंसा की। अस्पताल में ड्यूटी पर रहे डॉक्टर ने छात्राओं के प्रशिक्षण कौशल की प्रशंसा की और बताया कि हरेक व्यक्ति को आपातकालीन परिस्थितियों के प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिए।
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